अयोध्या। श्री रामनगरी अयोध्या विश्व में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की जन्मस्थली के लिए जानी जाती हैं। इसका अपना एक अस्तित्व के साथ-साथ इतिहास भी रहा है। इतना ही नहीं, धार्मिक ग्रंथों के अनुसार अयोध्या सभी तीर्थों में भी श्रेष्ठ मानी गई है। इसी अयोध्या की धरती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूर्व 4 प्रधानमंत्री आए, किंतु वे मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के दर्शन किए बिना ही वापस चले गए।
अयोध्या आने वाली पहली प्रधानमंत्री रहीं इंदिरा गांधी। वे अयोध्या 3 बार आईं जबकि वे हनुमान गढ़ी का दर्शन करने गईं। सर्वप्रथम इंदिरा गांधी वर्ष 1966 में अयोध्या सरयू नदी के पुल का शुभारंभ करने आईं। इसके बाद वे वर्ष 1975 मे जनपद में आचार्य नरेंद्र देव क़ृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की आधारशिला रखने के मौके पर आईं। तीसरी व अंतिम बार वे 1979 में अयोध्या आईं और हनुमान गढ़ी जाकर श्रीराम भक्त हनुमान लला के दर्शन किए।हालांकि इंदिरा गांधी के आगमन के समय रामजन्मभूमि में ताला लगा हुआ था।
इसके बाद अयोध्या आने वाले दूसरे प्रधानमंत्री रहे राजीव गांधी। वे 1989 में अयोध्या तो आए लेकिन रामलला के दर्शन नहीं किए। तीसरे प्रधानमंत्री के रूप में अयोध्या आने वाले एचडी दैवेगौड़ा रहे, जो 1997 में सरयू ओवरब्रिज का शिलान्यास करने आए। वे वहीं से वापस हो गए जबकि चौथे प्रधानमंत्री के रूप में अयोध्या आने वाले अटलबिहारी वाजपेयी थे, जो कि अयोध्या 2 बार आए। वे 2002 और 2004 में अयोध्या आए, लेकिन रामलला का दर्शन किए बिना वापस चले गए।
इतिहास गवाह हो गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही अकेले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने अयोध्या में श्री रामलला का दर्शन ही नहीं किया बल्कि उन्हें साष्टांग दण्डवत भी किया। इसकी तारीख गवाह है कि 5-08-2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करकमलों से श्री रामजन्मभूमि मंदिर का भूमिपूजन हुआ था और अयोध्या के लिए हमेशा के लिए यादगार समय के रूप में जाना जाएगा कि पूजन के बाद स्वयं प्रधानमंत्री मोदी ने श्री रामलला को साष्टांग दंडवत किया था।
अब फिर एक बार अयोध्या का महापर्व के रूप मे विश्व में विख्यात हो चुका अयोध्या का दीपोत्सव। इस बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 6वें दीपोत्सव में 23 अक्टूबर श्री राम नगरी अयोध्या आ रहे हैं। तैयारियों की निगरानी उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ कर रहे हैं।
अयोध्या राम की पैड़ी पर 18 लाख से अधिक दीपक जलाए जाने की पूरी तैयारियां की जा चुकी हैं। इसे 22 हजार वालेंटियरों के सहयोग से एकसाथ जलाया जाएगा। इसके साथ ही फिर से एक नया गीनिज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनेगा। भव्य दीपोत्सव कार्यक्रम को लाइव देखने के लिए जिला प्रशासन अयोध्या धाम व फैजाबाद शहर के 30 स्थानों पर एलईडी लगाए हैं।