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आगरा में पीड़ित परिवार के आंसू पोंछने पहुंचीं प्रियंका गांधी, कानून व्यवस्था पर उठाए सवाल

हमें फॉलो करें आगरा में पीड़ित परिवार के आंसू पोंछने पहुंचीं प्रियंका गांधी, कानून व्यवस्था पर उठाए सवाल

हिमा अग्रवाल

, गुरुवार, 21 अक्टूबर 2021 (12:24 IST)
आगरा। आगरा में 25 लाख की चोरी मामले में पुलिस हिरासत में हुई अरुण वाल्मीकि की मौत के बाद शोकाकुल परिवार से प्रियंका गांधी ने बीती देर रात्रि में मुलाकात की। परिवार से मिलने के बाद मीडिया से रूबरू होते हुए उत्तरप्रदेश सरकार की कानून व्यवस्था पर कड़े प्रहार किए। प्रियंका गांधी ने कहा कि यूपी में न्याय का कोई नामोनिशान नहीं है। दलित, गरीबों, किसानों और महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं और न्याय सिर्फ सरकार में बैठे मंत्रियों और उनके बेटे के लिए है। योगी सरकार ने प्रदेश को कुछ भी नहीं दिया। देश में किसी को न्याय नहीं मिल रहा है।

 
आगरा में मृतक सफाईकर्मी अरुण के परिवार ने जो उनके साथ हुआ, वह बताया। जिसे सुनकर प्रियंका स्तब्ध हो गईं। रविवार को मृतक के परिवार के 17-18 लोगों को उठाया गया। आगरा समेत भरतपुर में रह रहे रिश्तेदारों को भी उठाकर मारपीट करके प्रताड़ित किया गया है। कर्मचारी के पीड़ित परिवार का शोषण हो रहा है। मैं पीड़ित पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए मैं उनके साथ हूं। अरुण का परिवार का ताल्लुक भरतपुर से है इसलिए अशोक गहलोत सरकार से बात करके मुआवजा दिलवाऊंगी।
 
प्रियंका ने कहा कि योगी-मोदी सरकार में गरीबों, दलितों और महिलाओं की कोई नहीं सुन रहा है। ये सब लोग बड़ी-बड़ी बातें ही करते हैं। पुलिस हमारी सुरक्षा के लिए है। जब यही लोगों के साथ गलत करे तो इनकी सुरक्षा का क्या मतलब रह जाता है? देश के लोग आज अपने घर में ही सुरक्षित नहीं हैं। उन्हें घर से निकालकर घसीटा जा रहा है। इससे साफ होता है कि प्रदेश में भयावह स्थिति है। ये आजाद भारत नहीं है।
उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार ने कहा है कि 10 लाख रुपए देकर मुंह बंद करने की कोशिश की जा रही है लेकिन वे चुप नहीं रहेंगे। अरुण की पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है। उसने कहा कि पुलिस ने घर में घुसकर बर्बरता की है, परिवार से मारपीट करते हुए पलंग समेत बेटी के दहेज का जोड़ा सामान तहस-नहस कर दिया।
 
वहीं जब प्रियंका से पूछा गया कि जिन पुलिसकर्मियों ने आपके साथ सेल्फी ली है, अब यूपी सरकार उन पर कार्रवाई की बात कर रही है तो उन्होंने कहा कि यह गलत है। ऐसा करके सरकार को क्या संदेश देना चाहती है? जिन्होंने मेरे साथ सेल्फी ली, मैंने भी खुशी के साथ सेल्फी खिंचवाई तो इसमें गलत बात क्या हो गई? उन पर कार्रवाई करके सरकार उनका करियर तबाह करना चाहती है। ये महिला पुलिसकर्मी अपने परिवार की रीढ़ हैं, घर चला रही हैं, परिवार में उनके छोटे-छोटे बच्चे होंगे, उनका पालन-पोषण कैसे होगा?

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