उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोई संत, महात्मा और योगी कभी भी सत्ता का गुलाम नहीं हो सकता। मुख्यमंत्री योगी ने रविवार को अघोराचार्य बाबा कीनाराम की यहां स्थित जन्मस्थली पर आयोजित 425 वें अवतरण समारोह को संबोधित करते हुए कहा,कोई संत, महात्मा और योगी कभी भी सत्ता का गुलाम नहीं हो सकता। बल्कि वह अपने कदमों पर समाज को चलने के लिए प्रेरित करता है। यही कार्य बाबा कीनाराम ने आज से चार सौ पच्चीस वर्ष पहले जन्म लेकर दिव्य साधना के माध्यम से सबके सामने प्रस्तुत किया था।
मुख्यमंत्री ने बाबा कीनाराम के श्री चरणों में कोटि-कोटि नमन अर्पित करते हुए कहा कि मेरा कार्यक्रम तो सोनभद्र में था मगर उनकी कृपा से मुझे यहां आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। वे जन्म से ही एक दिव्य विभूति थे। मुख्यमंत्री ने संत कीनाराम के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा, एक कुलीन परिवार में उनका जन्म हुआ। साधना के माध्यम से उन्होंने सिद्धि प्राप्त की।
सिद्धि प्राप्त करने के बाद अक्सर होता है कि व्यक्ति मद में कुछ नहीं देखता, किसी को कुछ नहीं समझता। लेकिन, बाबा ने अपनी साधना व सिद्धि का उपयोग राष्ट्र व लोक कल्याण के लिए किया। योगी ने कहा, एक तरफ उन्होंने दलितों को आदिवासियों को और समाज के विभिन्न तबकों को जोड़ने का काम किया। बिना भेदभाव के एक ऐसे समाज की उन्होंने अलख जगाई, जो किसी संत, अघोराचार्य या योगी के द्वारा ही संभव था।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में बाबा कीनाराम की जीवन से जुड़ी घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि उच्च कुलीन परिवार जन्म लेने के बाद भी उन्होंने बड़ी संख्या में जनजातियों व यहां के रहवासियों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए अनेक कार्यक्रम चलाए। दूसरी तरफ, मुगलों को सबक सिखाने के लिए शाहजहां को भी डपटकर भगाने का कार्य उन्होंने किया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संत कीनाराम ने उस समय के शासन को फटकार लगाई थी। योगी ने कहा कि ये चीजें दिखाती हैं कि एक संत और योगी कभी सत्ता का गुलाम नहीं हो सकता। अघोराचार्य बाबा कीनाराम की जन्मस्थली पर आयोजित 425 वें अवतरण समारोह में अघोराचार्य बाबा सिद्धार्थ गौतम राम, पूर्व केंद्रीय मंत्री और चंदौली के पूर्व सांसद डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय, राज्यसभा सदस्य दर्शना सिंह व साधना सिंह, विधायक सुशील सिंह समेत कई गणमान्य लोग उपस्थिति थे। भाषा