लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सरकार ने प्राइवेट स्कूलों की 10 प्रतिशत फीस बढ़ाने का फैसला किया है। महंगाई से परेशान मिडिल क्लास पर ही इस फैसले का सबसे ज्यादा असर होगा।
यूपी सरकार ने अपने आदेश में कहा है कि प्राइवेट स्कूल वर्ष 2019-2020 को आधार मानते हुए उत्तर प्रदेश स्ववित्त पोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क विनियमन) अधिनियम 2018 की धारा-4(1) के तहत शैक्षणिक सत्र 2022-23 में नियमानुसार बढ़ोतरी कर सकते हैं।
पेट्रोल डीजल के दाम पिछले 20 दिनों में 10 रुपए प्रति लीटर बढ़ गए। इस वजह से बच्चों को स्कूल बस, वैन या टैक्सी से स्कूल जाने के लिए ज्यादा किराया देना होगा। भावेश ओझा के अनुसार, इस वर्ष स्कूल वैन के 1200 के बजाए 1500 रुपए प्रति माह देने होंगे।
स्टेशनरी संचालक सुमित झा ने बताया कि इस वर्ष स्टेशनरी की कीमतों में 15 से 25 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। कॉपी, किताब, पेन, पेन्सिल जैसी आवश्यक वस्तुओं के दाम बढ़ने से पैरेंट्स परेशान नजर आ रहे हैं। कॉपियां 20 से 25 प्रतिशत बढ़ी है और किताबें भी 10 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ गए।
शू व्यापारी प्रकाश ने बताया कि अन्य वस्तुओं की तरह ही जूतों पर भी महंगाई की मार पड़ रही है। स्कूल शू के दाम भी 10 से 20 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं।