लखनऊ। 27 साल बाद जेल से छूटे समाजवादी पार्टी के बड़े नेता आजम खान को अब एनकाउंटर का डर सता रहा है। उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि जब मैं जेल में था तो एक दारोगा बयान लेने आया था। उसने कहा था कि बचकर रहें, जमानत मिलने के बाद अगर रामपुर आएं तो भी भूमिगत रहें। आपका एनकाउंटर भी हो सकता है।
अखिलेश पर निशाना : जमानत मिलने के बाद रामपुर अपने घर पहुंचे आजम खान ने पत्रकारों से कई और मुद्दों पर भी बात की। उन्होंने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का शुक्रिया अदा किया, वहीं इशारों ही इशारों में सपा मुखिया अखिलेश यादव पर निशाना साधने में भी नहीं चूके। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव मेरे लीडर नहीं हैं। हालांकि कुछ मामलों में अखिलेश को लेकर उन्होंने चुप्पी भी साधी। आजम खान ने कहा कि मैं जमीर बेचने वाला नहीं हूं।
याद किए जेल के दिन : आजम ने बताया कि 40 साल के अपने सियासी सफर में वे पहले भी जेल जा चुके हैं। बनारस की जेल में करीब पौने 2 वर्ष रह चुके हैं। उन्होंने कहा कि सीतापुर जेल में 27 महीने तक जिन बैरकों में उन्हें रखा गया, वहां केवल उन्हीं को रखा जाता था जिन्हें 2-3 दिन में फांसी लगने वाली हो।
मैं तब भी नहीं मरा : उन्होंने कहा कि उन पर कई बार जानलेवा हमले भी हुए हैं, लेकिन ऊपर वाले को कुछ और ही मंजूर था, इसलिए उनकी मौत नहीं हुई। सीतापुर जेल में रहने के दौरान उन्हें भयंकर कोरोना हो गया था। सामने से लाशें जा रही थीं, मैं तब भी नहीं मरा। मेरे चाहने वालों ने बहुत कोशिश की, लेकिन मैं फिर जिंदा बाहर आ गया।
कभी गलत काम नहीं किया : रामपुर की स्थिति का जिक्र करते हुए आजम ने कहा कि यहां की इमारतें और नगर पालिका का क्या हाल है आप देख सकते हैं। हमने कैसा शहर बनाया था और अब कैसा हो गया। उन्होंने कहा कि 40 साल के सियासी सफर में उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया। जमीन हड़पने को लेकर जो 8 मुकदमे दर्ज थे, वह उन्होंने जीत लिए हैं।