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सनी लियोनी के रेस्तरां-बार के निर्माण पर रोक, हाईकोर्ट परिसर को था खतरा

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हमें फॉलो करें सनी लियोनी के रेस्तरां-बार के निर्माण पर रोक, हाईकोर्ट परिसर को था खतरा

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, शनिवार, 1 फ़रवरी 2025 (10:30 IST)
Sunny Leone news : उत्तर प्रदेश के राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने अभिनेत्री सनी लियोनी के रेस्तरां-बार के निर्माण पर रोक लगा दी। आयोग ने कहा है कि यह अनाधिकृत गतिविधि पास में ही स्थित हाईकोर्ट परिसर और इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करती है।
 
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अशोक कुमार ने सोसाइटी के सामुदायिक केंद्र को एक व्यावसायिक प्रतिष्ठान चिका लोका बाई सनी लियोनी नामक बार और रेस्तरां को आवंटित किए जाने पर चिंता जताई।
 
आयोग द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने एक ऐतिहासिक फैसले में अवैध निर्माण करने और ऐसी गतिविधियों में शामिल होने के लिए ‘एक्सपीरियन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड’ पर कड़ी कार्रवाई की है। उसकी यह गतिविधि माननीय उच्च न्यायालय (लखनऊ पीठ) और इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान जैसे प्रमुख संस्थानों की गोपनीयता और सुरक्षा को खतरा पहुंचाती हैं।
 
लखनऊ निवासी प्रेमा सिन्हा की याचिका पर आयोग ने यह आदेश दिया। याचिकाकर्ता की तरफ से वकील मनु दीक्षित और सौरभ सिंह ने पैरवी की।
 
न्यायमूर्ति कुमार ने लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा इस तरह की विवादास्पद परियोजना को मंजूरी देने और स्वीकृत मानचित्र में बदलाव करने पर भी निराशा व्यक्त की, जो रेरा अधिनियम और उत्तर प्रदेश अपार्टमेंट (निर्माण, स्वामित्व और अनुरक्षण का संवर्धन) अधिनियम, 2010 के प्रावधानों का पूर्ण उल्लंघन है। साथ ही यह अग्नि सुरक्षा मानदंडों और पर्यावरण मूल्यांकन रिपोर्ट का भी उल्लंघन करता है।
 
आयोग ने नियमों के उल्लंघन के मद्देनजर स्वीकृत योजना के किसी भी निर्माण को तत्काल रोकने और अतिक्रमित क्षेत्रों, विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों और बच्चों के लिए बने स्थानों को बहाल करने का भी निर्देश दिया।
 
आयोग ने डेवलपर्स को सात दिन के भीतर आदेश का पालन के लिए एक शपथपत्र देने का निर्देश भी दिया। साथ ही यह भी कहा कि आदेश का अनुपालन न करने पर अनधिकृत संरचनाओं को ध्वस्त करने के आदेश दिए जाएंगे।
 
न्यायमूर्ति कुमार ने शिकायतकर्ता को लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष और सचिव को आदेश की एक प्रति देने का भी निर्देश दिया, ताकि उन्हें निर्देशों को लागू करने के लिए बाध्य किया जा सके। मामले को अगली सुनवाई 19 फरवरी को होगी।
edited by : Nrapendra Gupta

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