मेरठ। पश्चिम उत्तरप्रदेश में पिछले 2 दिन से लगातार बारिश ने आम जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। सड़कों पर जगह-जगह जलभराव होने के कारण सड़क और नालों का पता नहीं चल रहा है। ऐसे में गर्मी और बदलते मौसम का अहसास करवाने वाली बारिश मेरठ के नागरिकों के लिए जी का जंजाल बन गई है। बारिश ने मेरठ में नगर निगम की पोल खोल दी है कि सिर्फ यहां कागजों में काम होता है जमीनी पर नही।
जाको राखें साईंया, मार सके न कोय। यह कहावत आज उस समय चरितार्थ हो गई जब एक चलती कार नाले में जा गिरी। मामला रविवार का है, जहां मोहनपुरी के नाले में बारिश के चलते एक कार पूरी तरह समा गई। कार में चालक भी था, रिहायशी इलाका पास होने के कारण आसपास के लोग इकट्ठा हो गए और उन्होंने स्थानीय सभासद को भी वहां बुला लिया।
काफी मशक्कत के बाद बांस की मदद से कार स्वामी को नाले से बाहर निकाला गया। वार्ड 29 के पार्षद पवन चौधरी का कहना है कि मोहनपुरी का बड़ा नाला है, इसके दोनों तरफ बाउंड्री होनी चाहिए, वह लगातार नगर निगम के अधिकारियों और नगरायुक्त से नाले के दोनों ओर बाउंड्री बनाने की मांग कर चुके हैं, लेकिन निगम के कानों पर जूं नही रेंगती है। पार्षद पवन समेत स्थानीय लोगों ने बेसुध निगम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई है।
मोहनपुरी इलाके के नाले की पटरी पिछले कई सालों से टूटी हुई है। बारिश के मौसम में व्यापारी का बेटा अपनी कार को लेकर नाले के बराबर से जा रहा था। नाला बारिश के कारण उफान पर था और उसमें अचानक कार समा गई। नाले में कार करीब 80 प्रतिशत डूब चुकी थी, उसके अंदर बैठे युवक ने किसी तरह से हिम्मत जुटाते हुए खिड़की का शीशा उतारा और कार की छत पर चढ़कर शोर मचाने लगा।
शोर सुनकर आसपास के लोग दौड़ आए और लंबे बांस को कार से सटा कर ड्राइवर सीट पर बैठे युवक की जान बचाई। कार को रेस्क्यू करने के लिए नगर निगम की सूचना दी गई। कई घंटे बाद नगर निगम की कुंभकर्णी नींद टूटी और मौके पर जेसीबी की मशीन पहुंची।
आश्चर्य की बात है कि वार्ड 29 के पार्षद पवन चौधरी नगर निगम का ही अंग है, उन्हें अपने सिस्टम के खिलाफ ही सड़क पर आकर नारेबाजी करनी पड़ रही है। शायद अब नगर निगम जाग जाए और खुले नालों के दोनों तरफ पटरी बनाकर आम जीवन को सुरक्षित कर दे। Edited by Sudhir Sharma