लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारियों ने सरकार के साथ बातचीत के बाद रविवार को अपनी हड़ताल वापस ले ली। वहीं, प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ने हड़ताल का आह्वान करने वाली कर्मचारियों की समिति को आश्वासन दिया कि हड़ताल के दौरान कर्मचारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई को वापस लिया जाएगा। मंत्री ने कहा कि उन्होंने इस बाबत यूपीपीसीएल के चेयरमैन को निर्देश दे दिया है।
बिजली कंपनियों में चेयरमैन और प्रबंध निदेशक के चयन तथा कुछ अन्य मुद्दों को लेकर विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर बिजली विभाग के कर्मचारियों ने बृहस्पतिवार रात 10 बजे से तीन दिन (72 घंटे) की हड़ताल शुरू की थी।
उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने आज विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे व अन्य कर्मचारी नेताओं के साथ अपरान्ह 2.30 बजे से जल निगम के फील्ड हॉस्टल संगम में वार्ता शुरू की।
वार्ता के बाद शैलेन्द्र दुबे ने एक दिन पहले ही सांकेतिक हड़ताल समाप्त करने की घोषणा की। दुबे ने पत्रकारों से कहा, विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति और ऊर्जा मंत्री के बीच लगातार वार्ता हो रही है। तीन दिसंबर के समझौते, अन्य मांगों और बिजली कर्मियों की समस्याओं के संदर्भ में ऊर्जा मंत्री ने बहुत ही सकारात्मक ढंग से उन सभी समस्याओं का समाधान करने को कहा है।'
उन्होंने कहा, 'मुख्यमंत्री की अपील की सम्मान और स्वागत करते हुए, ऊर्जा मंत्री के साथ सकारात्मक वार्ता का सम्मान करते हुए और माननीय उच्च न्यायालय का सम्मान करते हुए 72 घंटे की जो सांकेतिक हड़ताल चल रही है, उसको (निर्धारित अवधि से पहले) व्यापक जनहित में आज वापस लेने की घोषणा करता हूं।'
वहीं ऊर्जा मंत्री शर्मा ने पत्रकारों से बातचीत में प्रदेश की जनता, मुख्यमंत्री और अपनी ओर से समिति के नेताओं को हड़ताल समाप्त करने के लिए धन्यवाद दिया।
शर्मा ने कहा, मैं एक बार फिर विद्युत कर्मचारियों के संगठनों, संघर्ष समिति को आंदोलन खत्म करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं।' उन्होंने कहा, मैं उनसे निवेदन करता हूं कि अपने कर्मचारी मित्रों को तुरंत निर्देशित करें कि वे अपने-अपने काम पर लौटें, विशेष रूप से जिन जगहों पर विद्युत आपूर्ति बाधित है, उन जगहों पर जाकर चाहे फीडर हो, चाहे सब स्टेशन हो उन्हें नियंत्रण में लेकर जनता की सेवा में लग जाएं।'
ऊर्जा मंत्री ने कहा, 'संघर्ष समिति ने पिछले कई महीनों में हमारे साथ कई दौरों में वार्ता की है और उस बातचीत में कुछ बातें लिखी-पढ़ी गयी हैं और कुछ बातें नहीं भी लिखी गयी हैं। लेकिन उनकी भावनाएं हैं, उनकी मांगें हैं, उन पर हम लोग वार्ता करके सार्थक परिणाम लाएंगे।'
उन्होंने कहा, 'साथ ही वर्तमान आंदोलन के परिप्रेक्ष्य में जो कार्रवाई हुई है उन्हें भी वापस लेने का इनका (कर्मचारी नेताओं) निवेदन था, उस पर ध्यान रखते हुए यूपीपीसीएल (उप्र पावर कारपोरेशन लिमिटेड) के चेयरमैन को निर्देश दिया है कि उन कार्रवाइयों को भी वापस लिया जाए।'
मंत्री ने कहा कि संघर्ष के अन्य मुद्दों पर विचार करने के लिए आने वाले समय में बातचीत की जाएगी।
गौरतलब है कि आंदोलनरत नेताओं ने शनिवार को चेतावनी दी थी कि अगर बिजली विभाग के कर्मियों की बर्खास्तगी या गिरफ्तारी की गयी तो 72 घंटे की सांकेतिक हड़ताल अनिश्चितकालीन हड़ताल में बदल जायेगी और सामूहिक जेल भरो आन्दोलन प्रारम्भ होगा।
शर्मा ने शनिवार को बताया था कि हड़ताल पर जाने वाले बिजली विभाग के कर्मचारियों में से 22 के खिलाफ आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम (एस्मा) के तहत प्राथमिकी दर्ज करायी गई है जबकि संविदा पर काम करने वाले 1,332 कर्मियों की सेवा समाप्त की गई है। भाषा