आदमखोर भेड़ियों ने 50 से ज्यादा दिनों से बहराइच में आतंक मचा रखा था। भेड़ियों के इस झुंड ने 10 लोगों की जान लेने के साथ 50 से ज्यादा लोगों को घायल भी कर दिया। भेड़ियों को पकड़ने के लिए ऑपरेशन भेड़िया चलाया गया। अभी तक 5 भेड़िए पकड़े जा चुके हैं। लेकिन अभी छठे भेड़िए का खौफ अभी भी बरकरार है, जो लंगड़ा है।
माना जा रहा है कि वही इसी खूंखार झुंड का सरदार है। माना जा रहा है कि गांववालों पर सबसे ज्यादा अटैक लंगड़े भेड़िए ने ही किए हैं। यह भी डर बना हुआ है कि मादा भेड़िए के बिछड़ने और झुंड के साथियों के पकड़े जाने से यह अल्फा भेड़िया और भी अधिक खूंखार न बन जाए।
भेड़ियों को पकड़ने के लिए वन विभाग ने ऑपरेशन भेड़िया चलाया। इसमें वन विभाग के 165 कर्मियों व 18 शूटर लगे हुए थे। गश्ती दल दिन-रात निगरानी कर रहे हैं। चार थर्मल ड्रोन लगातार उड़ान भर निगरानी कर रहे थे। भेड़िया प्रभावित गांवों के 120 घरों में दरवाजे लग चुके हैं, 300 से अधिक घरों को दरवाजे लगाने के लिए चिह्नित किया गया है। कुछ इलाकों में सोलर लाइटें लग चुकी हैं कुछ क्षेत्रों में इस पर काम चल रहा है।
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इससे पहले बहराइच के प्रभागीय वन अधिकारी अजीत प्रताप सिंह ने कहा था कि आदमखोर भेड़ियों के झुंड में शामिल एक भेड़िये को आज तड़के करीब सवा छह बजे महसी तहसील के सिसैया चूणामणि गांव के हरबख्श सिंह पुरवा से पकड़ा गया। यह मादा भेड़िया है। उसका जोड़ीदार नर भेड़िया मौके से भाग निकला है। जो भाग निकला है, शायद वही इस झुंड का मुख्य भेड़िया लंगड़ा सरदार है।
पगमार्क (पैरों के निशानों) के आधार पर भेड़ियों की तलाशी की जा रही है। लोगों की भीड़ से अभियान में बाधा आ रही है। भेड़ियों की संख्या को लेकर भी मतभेद दिखाई दे रहे हैं। वन विभाग का दावा है कि यहां 6 भेड़ियों का दल आतंक मचा रहा था जिसमें से 5 गिरफ्तार हो चुके हैं जबकि ग्रामीणों का कहना है कि भेड़ियों की संख्या ज्यादा हो सकती है।
Edited by : Nrapendra Gupta