लखनऊ। योगी सरकार ने भ्रष्ट्राचार पर जीरो टालरेंस नीति के तहत के बड़ी कार्रवाई करते हुए 3 एसडीएम को फिर तहसीलदार बना दिया। प्रयागराज, श्रावस्ती और मुरादाबाद में पदस्थ इन तीनों एसडीएम जांच में दोषी पाए गए थे।
एसडीएम प्रयागराज रामजीत मौर्य ने मीरजापुर में तहसीलदार के पद पर तैनाती के दौरान जमीन संबंधी एक मामले में नियमों को दरकिनार करते हुए मनमाने तरीके से फैसला दिया था। जांच में रामजीत मौर्य दोषी पाए गए।
इसी तरह श्रावस्ती में पदस्थ एसडीएम जेपी चौहान ने पीलीभीत में तहसीलदार के पद पर रहते हुए एक जमीन के मामले में मनमाने तरीके से फैसला दे दिया। इस जमीन की कीमत काफी अधिक बताई जा रही है।
एसडीएम मुरादाबाद अजय कुमार ने भी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में तैनाती के दौरान एक जमीन के मामले में मनमाने तरीके से नियमों को ताक पर रखकर कार्यवाही की। इन तीनों मामले की जांच कराई गई और जांच के बाद इन्हें दोषी पाया गया। दोषी अधिकारियों को लोक सेवा आयोग से अनुमति लेने के बाद तहसीलदार के पद पर पदावनत करते हुए राजस्व परिषद से संबद्ध कर दिया गया है।