लखनऊ। उत्तरप्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान कोविड प्रोटोकाल व लॉकडाउन उल्लंघन से जुड़े 3 लाख से अधिक दर्ज मुकदमे वापस लेने का फैसला लिया है, हालांकि वर्तमान व पूर्व सांसदों, विधायकों व विधान परिषद सदस्यों के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस नहीं होंगे।
विधि एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक ने यह जानकारी देते कहा है कि योगी सरकार के इस निर्णय से सामान्य नागरिकों को अनावश्यक अदालती कार्रवाई व फौजदारी प्रक्रिया की कार्रवाई से बड़ी राहत मिलेगी।
मंत्री ने पिछले दिनों कोविड प्रोटोकाल उल्लंघन के तहत दर्ज मुकदमे वापस लिए जाने का ऐलान किया था। प्रमुख सचिव न्याय प्रमोद कुमार श्रीवास्तव ने मंगलवार को इस संबंध में विस्तृत दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं। शासन ने अपर पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था व अपर महानिदेशक अभियोजन आदि से इस संबंध में सूचना प्राप्त की।
मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार ने राज्यों को सलाह दी है कि कोविड-19 प्रोटोकाल के उल्लंघन की वजह से दर्ज आपराधिक मामलों की उपयुक्त समीक्षा कर वापस लेने पर विचार करें जिससे कि सामान्य नागरिकों को अनावश्यक अदालती कार्रवाई से बचाने व न्यायालयों में लंबित फौजदारी मामलों को रोकने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भी इस संबंध में 8 अक्टूबर को पारित आदेश में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। प्रदेश सरकार ने इन सुझावों व आदेशों पर अमल करते हुए यह निर्णय लिया है।