वैसे तो प्यार करना किसी को सिखाने की जरूरत नहीं। एक छोटा सा मासूम बच्चा भी प्यार की भाषा जन्म से ही समझता है। बचपन से ही सभी को प्यार मिले तो खुशी होती है और थोड़ा बड़ा होने पर किसी को प्यार जताना भी आ जाता है। लेकिन कई बार ऐसा भी हो सकता है कि आपके प्यार जताने का तरीका अलग हो, जो दूसरों को समझ ही नहीं आए। आइए जानते हैं कुछ ऐसी आदतें, जो हर सच्चे प्रेमी की निशानी होती हैं।
1. कोई उम्मीद नहीं
सच्चा प्रेमी अपने साथी से कोई उम्मीदें नहीं रखता, वो अपने साथी को बिना किसी शर्त के स्वीकार करता है। यदि लोग कहें कि जब हमारा साथी यह काम करेगा या जब ऐसा कुछ हो जाएगा तब हमें उन पर प्यार आएगा, तो वैसे लोगों का प्यार दिखावा है। प्यार होना किसी शर्त के पूरे होने का मोहताज नहीं है।
2. प्यार में इल्जाम नहीं लगाए जाते
सच्चा प्रेमी या प्रेमिका अपने साथी पर कुछ काम बिगड़ने, कोई गलती होने पर इल्जाम नहीं लगाता। सच्चे साथी अपने रिश्ते की पूरी जिम्मेदारी लेते हैं। कोई परिस्थिति बिगड़ने पर आपस में ही एक-दूसरे पर इल्जाम नहीं लगाते रहते, साथ मिलकर काम करते हैं, किसी एक की गलती दोनों की गलती मानते हुए उसकी जिम्मेदारी लेते हैं।
3. सच्चा प्यार आपको बांधता नहीं है
सच्चे प्रेमी कभी अपने साथी को लेकर असुरक्षा की भावना से ग्रस्त नहीं होते और उन्हें आजादी देते हैं। अपने साथी को जीवन में आगे बढ़ने की आजादी। अपने साथी के पंखों को वे कभी काटने का प्रयास नहीं करते हैं।
4. सच्चे प्यार को दूरियां भी कम नहीं कर पातीं
प्यार के लिए हमेशा ही साथ रहना भी जरूरी नहीं, सच्चे प्रेमी का प्यार दूरियों में भी बरकरार रहता है। उनमें जलन नहीं होती, चाहे वह खुद जिस भी लेवल पर हो। लेकिन अपने साथी की तरक्की देखकर वे हमेशा खुश होते हैं, कभी भी तुलना नहीं करते और उनमें अपने साथी के लिए जलन की भावना कभी नहीं आती, क्योंकि अपने साथी की कामयाबी वे अपनी खुद की ही समझते हैं।
5. जहां सच्चा प्यार, वहां डर की कोई जगह नहीं
जहां सच्चा प्यार होता है, वहां आप अपने साथी से हर छोटे-बड़े विषय पर बिना डरे बात कर सकते हैं। वहां आपको यह सोचने की जरूरत नहीं कि यह बात बताऊं या छुपा लूं, क्योंकि आपको मालूम होता है कि आपका साथी कभी आपको गलत नहीं समझेगा। आपकी भावनाओं को सही समझेगा और हर परिस्थिति में आपका साथ देगा।
6. प्यार जरूरत नहीं, प्यार चाहत है
जब आप किसी को अपने अकेलेपन के डर से बचने के लिए अपने जीवन में चाहते हैं, तब वो प्यार नहीं है। तब वह व्यक्ति सिर्फ आपके डर का विकल्प है। ऐसे में कोई और आकर्षक विकल्प (व्यक्ति) मिल जाएगा तब आपको पहले वाले व्यक्ति की जरूरत ही महसूस नहीं होगी। दरअसल, प्यार जरूरत नहीं, हर जरूरत की चीज पास होने के बाद भी जब उस व्यक्ति विशेष की कमी लगे, उसे पाने की इच्छा और चाहत हो तब वह प्यार है।
7. भावनाओं को केवल मन में नहीं रखते, ज़ाहिर भी करते हैं
प्यार शुरू जरूर भावनाओं से होता है लेकिन यह उससे आगे भी बढ़ता है। एक समय लगता है मानो आप 7वें आसमान पर हों और वही रहना चाहते हों और उस भावना से आप नीचे नहीं आना चाहते। लेकिन प्यार कई सारी भावनाओं का उतार-चढ़ाव है। जब कोई नया इंसान जीवन में आता है, तब शुरू की भावनाएं रोमांचित करती हैं। एक समय बाद आपको आदत हो जाती है और कोई नयापन नहीं लगता। इसका यह मतलब नहीं कि प्यार कम हो गया है। तब भी आपको समय-समय पर प्यार अपनी क्रियाओं से जताते रहना चाहिए।
8. प्यार की पहचान हर व्यक्ति के लिए अलग हो सकती है।
आपको समझना होगा कि आपका साथी प्यार को किस रूप में पहचानता, समझता या अनुभव बेहतर कर पाता है। लोगों का प्यार को देने और पाने का तरीका अलग-अलग होता है। आमतौर पर लोग 5 तरीकों से प्यार को समझते हैं। शब्दों से, सेवा से, उपहार लेने-देने से, एकसाथ समय बिताने से और स्पर्श से। आपका साथी किस रूप में भावनाएं बेहतर समझता है, यह आपको पता करके उसके कॉम्बिनेशन बनाने होंगे।
9. सच्चा प्यार अंतर को समझता है और स्वीकार करता है। कोई भी दो व्यक्ति अलग होते हैं। सच्चा साथी आपके अलग होने को गलत नहीं मानता। उसे स्वीकार करता है और उसका सम्मान करता है।
10. सच्चा प्रेमी अपनी जरूरतों से पहले प्रेमी की जरूरतों का ध्यान रखता है।
11. प्यार में हमेशा आपको अच्छा फील होता है, बुरा नहीं...