सम्राट क्लॉडियस और संत वेलेंटाइन की कहानी :
रोम में तीसरी शताब्दी में सम्राट क्लॉडियस का शासन था। उसके अनुसार विवाह करने से पुरुषों की शक्ति और बुद्धि कम होती है। उसने आज्ञा जारी की कि उसका कोई सैनिक या अधिकारी विवाह नहीं करेगा। संत वेलेंटाइन ने इस क्रूर आदेश का विरोध किया।
उन्हीं के आह्वान पर अनेक सैनिकों और अधिकारियों ने विवाह किए। आखिर क्लॉडियस ने 14 फरवरी सन् 269 को संत वेलेंटाइन को फांसी पर चढ़वा दिया। तब से उनकी स्मृति में प्रेम दिवस यानी वेलेंटाइन डे मनाया जाता है। यहां पढ़ें प्रेमियों के नाम लिखा गया वेलेंटाइन का खत
प्यार करने वालों का मेरा सलाम,
मैं आपका सबका चहेता वेलेंटाइन। 14 फरवरी आज मेरा दिन है 'वेलेंटाइन डे'। मेरी एक और बरसी, प्यार की याद में समर्पित एक और 14 फरवरी। मैंने जब रोम के युवकों की चोरी छुपे शादियाँ करवाई तो कभी सोचा न था कि मेरी ये चोरी एक दिन ऐसा रंग लाएगी। मैंने जब जेलर की बेटी को प्रेम संदेश दिया तो मैंने ये भी नहीं सोचा था कि इस संदेश को सदियों तक पीढ़ियां दोहराएंगी।
मैंने नहीं सोचा था कि जिस रात में पकड़ा गया उस रात जिस जोड़े की मैंने शादी कराई उनके साथ प्यार भी हमेशा-हमेशा के लिए आजाद हो जाएगा। मैंने यह भी नहीं सोचा था कि जो बातें मैंने जेलर की बेटी से घंटों बैठकर साझा की, वो ऐसी दास्तान बन जाएगी जो भले ही कलम से न लिखी जाए लेकिन सबके जहन में कसक बनकर जिंदा रहेगी।
लेकिन मैंने ये कभी नहीं सोचा था कि मेरा यह प्यार 2020 तक आते-आते मोबाइल और इंटरनेट का प्यार बन जाएगा। मैंने ये भी नहीं सोचा था कि प्यार महंगे गुलाबों की खुशबू में खो जाएगा। मैंने ये भी नहीं सोचा था कि प्यार बाइक पर घूमने का लुफ्त हो जाएगा। मैंने नहीं सोचा था कि प्यार पिक एंड ड्रॉप फेसिलिटी बन जाएगा। मैंने ये भी नहीं सोचा था की प्यार क्लॉडियस की जेल से छूटकर राजनीति की गिरफ्त में आ जाएगा।
माना की जमाने के साथ हर चीज बदलती है लेकिन प्यार 'हर चीज' जैसी तो कोई चीज नहीं है। प्यार तो एहसास है और एहसास हर जमाने में एहसास ही हुआ करता है। प्यार के इजहार को बदलने के चक्कर में लगता है प्यार को ही बदला जा रहा है। जेल में मेरे कद्रदानों के भेजे फूल मुझे आज भी ताजा लगते हैं और उनके प्यार भरे संदेश मुझे आज भी जिंदगी से भर देते हैं। फिर दुनिया में प्यार कैसे बदल सकता है।
मैंने कुछ नहीं सोचा और प्यार भी सोचने की चीज नहीं हैं। कभी-कभी सही काम करने की भी सजा भुगतनी पड़ती है और बहुत सारे अच्छे काम भी हैं जो बिना सोचे किए जाते हैं। मैंने भी ऐसा ही काम किया था जिसकी मुझे सजा मिली। मैंने दिलों को मिलाया क्योंकि वो मुझे सही लगा।
मैं आपसे भी यही चाहता हूँ कि प्यार करें तो बिना सोचे समझे। आपका प्यार जैसा है वैसा ही स्वीकार करें। सोचने समझने के लिए जिंदगी में और भी चीजें हैं। खैर, मेरे न सोचने से इतना सब हो गया तो अगर ये सोचूं कि प्यार वापस अपनी असली शक्ल लेगा तो शायद जरूर हो ही जाए।
अंत में मैं सिर्फ इतना ही कहना चाहूंगा कि प्यार का ये मौसम सिर्फ 14 फरवरी तक ही सीमित न रहकर जीवनभर ऐसे ही रोमांसभरा बना रहना चाहिए। सभी को हैप्पी वेलेंटाइन डे...।