- दिव्य ज्योति नंदन
आपसी संवेदनाओं, स्नेह, दया, प्रेम को झूठे दिखावे की जरूरत नहीं होती। यहाँ तो बस आपकी भावनाओं का असर दिखना जरूरी है। ऐसी परिस्थितियों में कुछ शब्द चमत्कार कर जाते हैं। ये छोटे-छोटे वाक्य या शब्द भले ही आम लगें, लेकिन रूह तक उतर आते हैं और जादू कर देते हैं।
प्यार का इजहार भी ऐसे ही कुछ नन्हे शब्दों के चमत्कार से जुड़ा होता है। कुछ लफ्ज आपके दिल की हालत ऐसे बयाँ कर जाते हैं मानो आपने प्रेम की थीसिस प्रस्तुत कर दी हो। फिर और कुछ कहने की जरूरत ही नहीं पड़ती। यही तो है 'मैजिक ऑफ लव' जो सब पर छा जाता है।
जब एहसासों को बयाँ करती है जुबाँ 'आई लव यू' या 'मैं तुम्हें प्यार करता हूँ/करती हूँ।'
यह वाक्य दुनिया की किसी भी भाषा में बोला जाने वाला सबसे खास वाक्य है। इस वाक्य को सुनने के लिए कई लोग अपनी जिंदगी गुजार देते हैं। इस वाक्य में छिपे एहसास को महसूस करने के लिए लोग सैकड़ों कहानियाँ, हजारों कविताएँ और न जाने कितने ग्रंथ लिख डालते हैं। फिर भी इस वाक्य का खुशनुमा एहसास खत्म नहीं होता।
लेकिन 'आई लव यू' अकेला वाक्य नहीं है। हमारी जिंदगी में तमाम ऐसे छोटे-छोटे वाक्य होते हैं जो हमारी धारणा बदल देते हैं, जो हमारे लिए दुनियाभर की खुशियाँ लेकर आते हैं। इन वाक्यों से हम हँसते-मुस्कुराते हैं, इन वाक्यों से हम रोते-गाते हैं। ये किसी भी भाषा में होते हैं और जब भाषा नहीं होती तो इशारों में होते हैं। जब इशारे नहीं होते तो एहसास में होते हैं। मगर ये वाक्य होते हैं।
दुनिया की हर भाषा, हर लिपि से ऊपर। आपका कोई अच्छा दोस्त परेशान है, आप उसकी परेशानी जानते हैं। मगर चाहकर भी उसकी सहायता नहीं कर सकते। उसकी सहायता करना आपकी क्षमता से बाहर है। बावजूद इसके अगर आप उससे कहते हैं, मैं आपकी कुछ मदद करूँ तो यकीन मानिए आपके दोस्त की आधी समस्या खत्म हो जाती है। उसे लगता है कि उसके साथ कोई है।
उसके कंधे पर दोस्ती का हाथ रखने वाला कोई मौजूद है। आपका यह वाक्य उसे बहुत बल देता है। अगर आप सचमुच अपने दोस्त की मदद के लिए दिलोजान से कोशिश करते हैं तो वह आपके इस एहसान को जीवन में कभी नहीं भूल सकता।
जब दो दोस्त आपस में एक-दूसरे के काफी नजदीक आ जाते हैं तो वे अपनी तमाम बातों को एक-दूसरे से हिस्सेदारी करते हैं और एक-दूसरे को बिना कुछ कहे भी समझते हैं। ऐसे में जब कोई दूसरा दोस्त परेशान होता है और आप उसे बिना बताए उसकी परेशानी समझते हैं और उससे कहते हैं, मैं जानता हूँ तो यकीन मानिए उसे बहुत अच्छा लगता है।
दरअसल हर रिश्ते का शिखर यही है कि बिना कुछ कहे लोग एक-दूसरे को समझ जाएँ। मैं समझता हूँ या 'आई अंडरस्टैंड यू'। यह एक छोटा-सा वाक्य भले लगे जिसके लिए 10 सेंटीमीटर जगह की भी दरकार न हो, लेकिन इस छोटे से वाक्य में जबर्दस्त ऊर्जा होती है। इससे इंसान को लगता है कि उसे समझने वाला दूसरा मौजूद है।
छोटे-छोटे वाक्य बहुत सारे होते हैं जो हमारे रोजमर्रा के जीवन में हमारी जिंदगी को, हमारे एहसासों को और हमारी कल्पनाओं को दिशा देते हैं। मैं तुम्हारा आदर करता हूँ यह भी एक छोटा-सा वाक्य है। अँगरेजी में तो सिर्फ तीन अक्षर का, 'आई रेस्पेक्ट यू' है लेकिन इस छोटे से वाक्य में जो आदरभाव छिपा है, जो सम्मान छिपा है, जो एहसास छिपा है उसकी आप कल्पना नहीं कर सकते।
अगर आप किसी से लड़ने भी गए हों एक बार उसे कह देते हैं, देखिए मैं आपकी इज्जत करता हूँ तो मनोविदों का मानना है कि आपके प्रति उसकी धारणा बदल जाएगी, आपके प्रति उसका गुस्सा नरम हो जाएगा। सिर्फ एक इसी छोटे वाक्य से।
कोई किसी को याद कर रहा है या नहीं, किसी ने किसी को याद किया या नहीं? इसको भला कौन जानता है। लेकिन अगर आप किसी से कहते हैं, 'मुझे तुम्हारी बहुत याद आई' 'आई मिस यू' तो यकीन मानिए वह खुद से गौरवान्वित महसूस करता है। उसे लगता है कि उसमें कुछ खास है तभी तो उसे किसी ने मिस किया, तभी तो उसकी किसी को याद आई।
जब किसी पर विपत्ति आती है तो उसको लगता है कि जैसे वह इस दुनिया में निपट अकेला है। कोई ऐसा नहीं है जो उसकी समस्या, उसके दुःख और उसकी परेशानी में उसके साथ खड़ा हो। दोस्त इन्हीं क्षणों के लिए होते हैं। इसलिए अगर आपका कोई दोस्त किसी समस्या से गुजर रहा है, उस पर कोई संकट आन पड़ा है तो बस उससे जाकर कह दीजिए 'मैं भी तुम्हारे साथ हूँ।' फिर देखिए इस वाक्य का जादू!