When is Basant Panchami 2025: बसंत पंचमी को लेकर लोगों में कन्फ्यूजन है कि यह 2 फरवरी रविवार के दिन रहेगी या कि 3 फरवरी सोमवार 2025 के दिन रहेगी। काल निर्णय पंचांग में 2 फरवरी को बसंत पंचमी मनाए जाने का उल्लेख है जबकि लाला रामस्वरूप पंचांग में 3 फरवरी को बसंत पंचमी मनाए जाने का उल्लेख है। देश में तीन तरह के पंचांग का प्रचलन है- चंद्र आधारित पंचांग, नक्षत्र आधारित पंचांग और सूर्य आधारित पंचांग। उत्तर भारत में प्रचलित पंचांग के अनुसार 3 फरवरी को बसंत पंचमी मनाया जाना निर्धारित है।
ALSO READ: vasant panchami: बसंत पंचमी के 8 सबसे खास उपाय और 5 कार्य से आएगी जीवन में सुख, शांति और समृद्धि
पंचांग के मुताबिक, एक तिथि सूर्योदय से अगले सूर्योदय तक रहती है। यदि कोई तिथि सूर्योदय से प्रारंभ नहीं होती है तो अगले दिन के सूर्योदय को लिया जाता है। जिस तिथि में सूर्योदय होता है वही तिथि दिन के त्योहार के लिए और रात्रि जिस तिथि में हो रात्रि का त्योहार उसमें ही मनाए जाने का उल्लेख है। जैसे रक्षाबंधन दिन का त्योहार है तो दिन में जो तिथि हो यानी पूर्णिमा जिस दिन सुबह हो वह दिन रक्षाबंधन मानते हैं। दूसरी ओर दीपावली पूजन चूंकि रात्रि का त्योहार है तो यदि अमावस्या तिथि रात्रि व्यापिनी हो तो फिर उसमें उदया तिथि नहीं लेते हैं, रात्रि में ही अमावस्या लेकर त्योहार मनाते हैं।
बसंत पंचमी का स्नान: 2 फरवरी को सूर्योदय सुबह 07:09 पर। इसके 2 घंटे बाद पंचमी तिथि प्रारंभ हो रही है जबकि 3 फरवरी को सूर्योदय सुबह 07:08 पर होगा। ऐसे में पंचमी का ब्रह्म मुहूर्त स्नान 03 फरवरी को होगा जो सुबह 05:23 से 06:16 तक रहेगा।
क्या कहते हैं काशी के विद्वान ज्योतिष:- काशी के ज्योतिर्विदों के अनुसार बसंत पंचमी 3 फरवरी को रहेगी। विगत वर्ष बीती दीपावली के बाद अब बसंत पंचमी का भी संशय देश वासियों के मन मे चल रहा है कि वास्तविक रूप से किस दिन मनाना है। देश वासियों का संशय दूर करने के लिए वेबदुनिया के संदीप श्रीवास्तव ने खासतौर पर काशी विद्वाद परिषद के संगठन मंत्री और बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. विनय कुमार पाण्डेय से बातचीत करते हुए बताया कि काशी के शास्त्रीय पंचागों को सही ठहराते हुए बसंत पंचमी 3 फरवरी को मानना सही है।
श्री पाण्डेय जी ने बताया कि माघ शुक्ल पंचमी को मनाया जाने वाला बसंत पंचमी पर्व 3 फरवरी सोमवार को मनाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पंचमी 2 फरवरी को दोपहर 12:00 बजे से प्रारम्भ होकर 3 फरवरी को प्रातः 9:46 बजे तक है। ऐसे में बसंत पंचमी पूर्व पूर्वहन व्यापिनी तिथि में मनाया जाना शास्त्र सम्मत है। उन्होंने कहा कि कुछ पंचांग में पंचमी तिथि 2 फरवरी को प्रातः 9:25 बजे दिखाया गया है जिसे 3 फरवरी को सुबह 7:06 बजे तक होना बताया जा रहा है। बसंत पंचमी पूर्वाहन कालीन व्यापिनी तिथि को मनाई जाती है। काशी के पंचागों ने इसे उदया तिथि के साथ ही पूर्वाहन कालीन व्यापिनी 3 फरवरी को माना है।
ALSO READ: बसंत पंचमी पर क्या है सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त और जानिए पूजा की विधि सामग्री एवं मंत्र सहित
उपरोक्त मान से 3 फरवरी 2025 को मां सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त:
1. ब्रह्म मुहूर्त: प्रात: 05:23 से 06:16 तक।
2. प्रातः सन्ध्या मुहूर्त: सुबह 05:49 से 07:08 तक।
3. अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:13 से 12:57 तक।
4. विजय मुहूर्त : दोपहर 02:24 से 03:08 तक।
3 फरवरी 2025 को मां सरस्वती पूजा का शुभ चौघड़िया:-
अमृत: सुबह 07:07 से 08:29 तक
शुभ: सुबह 09:51 से 11:13 तक
चर: दोपहर 01:56 से 03:18 तक।
लाभ: दोपहर 03:18 से 04:40 तक।
अमृत: शाम 04:40 से 06:01 तक।
निष्कर्ष : गुजरात सहित दक्षिण भारत में 2 फरवरी को बसंत मनाई जा जाएगी है परंतु उत्तर भारत के पंचांग अनुसार और पंडितों के अनुसार बसंत पंचमी 3 फरवरी को रहेगी। पूजा का शुभ मुहूर्त दिल्ली टाइम अनुसार रहेगा। स्थानीय समय के अनुसार 1 से 2 मिनट की घट-बढ़ रहेगी।