त्रिदेवियों में से एक माता सरस्वती की पूजा वसंत पंचमी के दिन होती है। वसंत पंचमी के दिन को इनके जन्मोत्सव के रूप में भी मनाते हैं। देवी सरस्वती का वर्ण श्वेत है। वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की विधि-विधान से पूजा करने वालों को विद्या और बुद्धि का वरदान मिलता है।
बसंत पंचमी 2022 कब है : बसंत पंचमी 5 फरवरी शनिवार को है। यह पंचमी हिन्दू माह अनुसार माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाई जाती है। इस दिन माता सरस्वती की पूजा होती है। इसी दिन से भारत में वसंत ऋतु का आरम्भ होता है। बसंत पंचमी की पूजा पूर्वाह्न में की जाती है।
पूजा मुहूर्त : प्रात: 07:07:19 बजे से दोपहर 12:35:19 तक।
अभिजीत मुहूर्त : सुबह 11:50 से दोपहर 12:34 तक।
अमृत काल : सुबह : 11:19 से दोपहर 12:55 तक।
श्रेष्ठ संयोग : उत्तराभाद्रपद के दौरान सिद्ध योग, साध्य योग और रवि योग।
दिशा शूल : पूर्व
माता सरस्वती का मंत्र :
मां सरस्वती मंत्र : ओम ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वती देव्यै नमः।
सरस्वती गायत्री मंत्र : 'ॐ वागदैव्यै च विद्महे कामराजाय धीमहि। तन्नो देवी प्रचोदयात्। '