वास्तु और ज्योतिष के अनुसार धन या ज्वेलरी रखने की उचित दिशा होती है। यदि उचित दिशा या स्थान पर धन रखेंगे तो धन बढ़ेगा और बरकतर रहेगी बरकरार परंतु यदि उचित दिशा में नहीं रखा तो धन घटगे भी और कर्ज भी बढ़ जाएगा। तो आओ जानते हैं धन रखने की उचित दिशा।
इस जगह धन ना रखें : दक्षिण-पूर्व के बीच की दिशा को आग्नेय कोण कहते हैं। यहां धन रखने से धन घटता है। आमदानी से अधिक खर्च होता है जिसके कारण कर्ज की स्थिति बनी रहती है। इस के बाद यदि धन को दक्षिण दिशा में रखा तो नुकसान तो नहीं होता परंतु बढ़ोतरी भी नहीं होती है।
दक्षिण और पश्चिम के बीच की दिशा को नैऋत्य कोण कहते हैं। कहते हैं कि यहां धन और आभूषण वही व्यक्ति रखता है जिसने गलत ढंग से कमाया हो। मतलब मेहनत का कम होगा। हालांकि कहते हैं कि यहां धन टिकता जरूर है परंतु कब क्या उस धन के साथ हो यह निश्चित नहीं है।
पश्चिम दिशा में धन और आभूषण रखने से कोई खास लाभ नहीं मिलता है। मान्यता अनुसार यहां धन रखने से बड़ी कठिनाई से धन घर में आता है। पश्चिम और उत्तर के बीच की दिशा को वायव्य कोण कहते हैं। यहां धन रखा हो तो बजट हमेशा गड़बड़ाया रहता है और व्यक्ति कर्ज और कर्जदार से परेशान रहता है। खर्च जितनी आमदनी भी जुटा पाना मुश्किल होता है।
इस जगह धन रखें : धन रखने के लिए उत्तर दिशा को सबसे शुभ माना गया है क्योंकि उत्तर दिशा के स्वामी धन के देवता कुबेर हैं। घर की इस दिशा में नगद और आभूषण जिस अलमारी में रखते हैं, वह अलमारी भवन की उत्तर दिशा के कमरे में दक्षिण की दीवार से लगाकर रखना चाहिए। इस प्रकार रखने से अलमारी उत्तर दिशा की ओर खुलेगी, उसमें रखे गए रुपए और आभूषण में हमेशा वृद्धि होती रहेगी।
उत्तर और पूर्व के बीच की दिशा को ईशान कोण कहते हैं। कहते हैं कि यहां पैसा, धन और आभूषण रखने वाला घर का मुखिया बुद्धिमान माना जाता है। यह भी मान्यता है कि यह उत्तर-ईशान में रखे हों तो घर की एक कन्या और यदि पूर्व ईशान में रखे हों तो पुत्र बहुत बुद्धिमान और प्रसिद्ध होता है। पूर्व दिशा में घर की संपत्ति और तिजोरी रखना बहुत शुभ होता है और उसमें बढ़ोतरी होती रहती है।