Vastu tips fro shoe and slipper: पहले के जमाने में लोग अपने जूते चप्पल घर के बाहर उतारक ही घर में जाते थे। घर में सभी बगैर चप्पल के रहते थे। परंतु आजकल कई लोग घर में चप्पल पहनकर रहते हैं। कुछ लोग तो घर में ही ही बाहर के जूते पहनकर आ जाते हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि वास्तु के अनुसार घर में चप्पल पहनना चाहिए या नहीं।
घर में चप्पल पहनना चाहिए या नहीं?
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शनि देव का संबंध हमारे पैरों से भी है।
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पैरों में जूते और चप्पल राहु केतु का प्रतीक है।
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घर के मुख्य द्वार पर जूते-चप्पल नहीं रखना चाहिए इससे नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है
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जो व्यक्ति घर के अंदर जूते-चप्पल पहनकर आता है इसके साथ घर में राहु और केतु जैसे पापी ग्रह भी घर के अंदर प्रवेश कर जाते हैं।
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इसलिए वास्तु के अनुसार घर में चप्पल पहनना मना है। इसके विकल्प के तौर पर आप घर में मोजे पहनकर रह सकते हैं।
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घर में रसोईघर, भंडारघर, पूजाघर, तिजोरी वाले स्थान आदि के समक्ष जूते या चप्पल पहनकर जाने से धन संपत्ति का नाश होता है।
अन्य नियम :-
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जब भी आप जूते चप्पल उतारें तो उन्हें कभी पूर्व या फिर उत्तर दिशा में नहीं उतारें।
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जब आप घर में मिट्टी लगे वाले जूते लेकर आते हैं और उत्तर दिशा में खोलकर चले जाते हैं तो आपके घर की सकरात्मक ऊर्जा भी नकारात्मक ऊर्जा में बदल जाती है।
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घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है वहां धन की देवी लक्ष्मी भी नहीं आती है।
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इसलिए कभी अपने गंदे जूते-चप्पल उत्तर दिशा में कभी नहीं उतारने चाहिए बल्कि जूते-चप्पल दक्षिण या पश्चिम दिशा में रखने चाहिए।
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फटे और पुराने जूते पहनने से शनि की अशुभ छाया और घर पर दरिद्रता आती है।
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शनिवार को जूते-चप्पल खरीदना इसीलिए मना कहा जाता है कि शनि का संबंध पैरों से माना गया है। उस दिन जूते-चप्पल खरीदने से शनि संबंधी पीड़ा भी घर में आ सकती
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शनि की अशुभ छाया से बचने के लिए शनिवार के दिन काले रंग की चमड़े की चप्पल या जूते को मंदिर के बाहर उतार का बिना पलटे वापस आने से शनि दोष से छुटकारा मिलता है।