Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

वास्तु : पूजा घर में पानी रखना क्यों है जरूरी, क्या है कारण?

हमें फॉलो करें puja ghar
, मंगलवार, 25 अप्रैल 2023 (14:36 IST)
पूजा कक्ष में पानी क्यों रखते हैं? सभी घरों में पूजाघर होता है, जहां पर पूजन सामग्री के अलावा शंख, गरुढ़ घंटी, कौड़ी, चंदन बट्टी, तांबे का सिक्का, आचमन पात्री, गंगाजल और पानी का लोटा भी रखा जाता है। लोटा नहीं तो जल कलश रखते हैं। आखिर पूजा घर में यह पानी क्यों रखा जाता है। क्या है इसका कारण?
 
पवित्रता : प्रतिदिन पूजा के पूर्व हम जल से भगवान के विग्रह को स्नान कराने के बाद स्थान पर जल छिड़ककर उसे पवित्र करते हैं। इसीलिए जल की आवश्यकता हेतु एक लोटे में पानी रखा जाता है।
webdunia
वरुण देव : जिस तरह गुरुड़देव की स्थापना गरुड़ घंटी के रूप में कि जाती है उसी प्रकार वरुण देव की स्थापना जल के रूप में की जाती है। ऐसा करने का कारण यह है कि जल की पूजा वरुण देव के रूप में होती है और वही दुनिया की रक्षा करते हैं।
 
तुलसी जल : पूजा घर में रखे जल में तुलसी के कुछ पत्ते डाल कर रखे जाते हैं जिसके चलते वह जल शुद्ध एवं पवित्र होने के साथ ही आचमन योग बन जाता है और इसी से जब हम पूजा स्थल को शुद्ध करते हैं तो देवी एवं देवता प्रसन्न होते हैं।
 
नैवद्य : नैवेद्य हम प्रतिदिन पूजा के बाद भगवान को प्रसाद अर्पण करते हैं जिसे नैवद्य कहते हैं। नैवद्य में मिठास या मधुरता होती है। आपके जीवन में मिठास और मधुरता होना जरूरी है। देवी और देवता को नैवद्य लगाते रहने से आपके जीवन में मधुरता, सौम्यता और सरलता बनी रहेगी। फल, मिठाई, मेवे और पंचामृत के साथ नैवेद्य चढ़ाया जाता है। नैवेद्य अर्पित करने के बाद भगवान को जल अर्पण करने के लिए ही पूजा घर में पानी रखा जाता है।
 
जल की स्थापना : पूजा घर या उत्तर एवं ईशान कोण में जल की स्थापना करने से घर में सुख एवं समृद्धि बनी रहती है। इसलिए पूजा घर में जल की स्थापना की जाती है। पूजा के स्थान पर तांबे के बर्तन में जल रखते हैं तो यह बहुत ही शुभ माना जाता है। मान्यता के अनुसार जल रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
 
आरती : जब हम आरती करते है उसके बाद आरती की थाली पर थोड़ा सा जल लागकर आरती को ठंडा किया जाता है। इसके बाद चारों दिशाओं में और सभी व्यक्तियों पर जल का छिड़काव किया जाता है। इसके बाद सभी को चरणामृत प्रदान करके प्रसाद देते हैं। इसलिए भी जल को पूजाघर में रखा जाता है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Sant Ramanujacharya: रामानुजाचार्य जयंती 26 अप्रैल बुधवार को, रामानुजाचार्य की जन्म कथा और उपदेश