घर में टूटी-फूटी वस्तुएं, कबाड़ या अनुपयोगी वस्तुओं के साथ ही फटे-पुराने कपड़े भी इकट्ठा होने लगते हैं। वास्तुशास्त्र में इन सभी को नकारात्मक ऊर्जा का निर्माण करने में सहायक माना जाता है।
अक्सर लोग घरों की अलमारी या दीवान में फटे-पुराने कपड़ों की एक पोटली रखते हैं। हालांकि कुछ लोग जो कपड़े अनुपयोगी हो गए हैं उनको कबर्ड या अलमारी के निचले हिस्से में रख छोड़ते हैं।
फटे-पुराने कपड़ों या चादरों से भी घर में नकारात्मक मानसिकता और ऊर्जा का निर्माण होता है। इस तरह के वस्त्रों को किसी को दान कर देना चाहिए या इसका किसी और काम में उपयोग करना चाहिए। इसके अलावा कभी फटी बनियान, जांघिये या फटे कपड़े न पहने। टावेल भी आपका कहीं से फटा या पुराना नहीं होना चाहिए। यह सभी निर्धनता का प्रतीक है।