नींद के लिए अगर अनुकूल वातावरण हो तो सोने पर सुहागा होता है। शारीरिक, मानसिक ऊर्जा की प्राप्ति तथा शिथिलता को समाप्त करने के लिए इस प्रकार का सोना अति आवश्यक है।
चीनी शास्त्र में इसे ऊर्जा एकत्र करने का माध्यम कहा गया है। जिस स्थान पर हम दिनचर्या का एक तिहाई समय व्यतीत करते हैं, उस शयन कक्ष में यदि इस प्रकार की व्यवस्था हो तो हम घोड़े बेचकर चैन की नींद ले सकते हैं...
शयन कक्ष में पुष्प का उपयोग -
* फेंग शुई में पुष्प से अग्नि तत्व की ऊर्जा उत्पन्न होती है, ऐसा माना जाता है। इसलिए शयन कक्ष में इनको नहीं रखना चाहिए।
* पुष्प के इस कक्ष में रहने से नींद कम आती है, लेकिन दाम्पत्य जीवन में नीरसता या रोमांस में कमी प्रतीत हो तो इस कक्ष में फूल उपयोगी सिद्ध होते हैं।
पानी की टंकी -
* आपके सोने के स्थान के ठीक ऊपर पानी की टंकी हो तो उससे आपके जीवन में पृथकता, स्थिरता, निराशात्मकता, अकर्मण्यता, ठंडापन आने की आशंका रहती है। इस स्थिति में आपको छत के नीचे कृत्रिम छत या कपड़ा, लकड़ी आदि लगाना चाहिए।
* ऐसी कोई वस्तु लगाना चाहिए जो कि पलंग के ऊपर रहे।
* ऐसी अवस्था में मच्छरदानी लगाकर सोने से भी उसके दुष्परिणाम में कमी आती है।
आलिंगन युक्त चित्रों का प्रयोग -
* शयन कक्ष में स्नेह द्योतक चित्रों का प्रयोग अवश्य करना चाहिए।
* प्रेम करते हंसों का जोड़ा, आलिंगन युक्त मछलियां, अन्य पक्षी या पशुओं का चित्र जो कि हिंसक नहीं हो तथा परस्पर स्नेह की मुद्रा में हो, उनका भी उपयोग इस कमरे में करने से शयनानंद मिलता है।
क्या न रखें शयन कक्ष में...
* शयन कक्ष में जल तत्व से संबंधित कोई सामग्री या प्रतीक नहीं होना चाहिए।
* ऐसी तस्वीरें जिनमें नदी, सागर या जल स्रोत चित्रित हों, उसे नहीं लगाएं।
* द्रव्य पदार्थ से भरी सामग्री भी इस कक्ष में नहीं रखें या बहुत कम रखें जैसे दुग्ध, शरबत की बोतल, शराब आदि।