Vastu Tips For Guest Room: गेस्ट रूम या अतिथि कक्ष (Guest room) उसे कहते हैं जहां पर मेहमानों को रुकाया जाता है। अक्सर बड़े घरों में बैठक रूम (Living room) के साथ ही अतिथि कक्ष होता है। आओ जानते हैं मेहमानों के कमरे का वास्तु कैसा होना चाहिए जिससे मेहमान भी खुश रहे और आप भी।
1. अतिथि कक्ष की दिशा : कुछ वास्तुकार अतिथि कक्ष को वाव्यव कोण में होना लाभप्रद मानते हैं। अतिथि कक्ष दक्षिण-पश्चिम दिशा अर्थात नैऋत्य में नहीं बनाना चाहिए क्योंकि यह दिशा केवल घर के स्वामी के लिए होती है। आप आग्नेय कोण अर्थात दक्षिण-पूर्वी या दक्षिण दिशा में भी गेस्टरूम बना सकते हैं, लेकिन किसी वास्तुशास्त्री से पूछकर।
2. कैसा होना चाहिए अतिथि कक्ष : अतिथि कक्ष अत्यंत साफ व व्यवस्थित हो। जिसे देखकर मेहमान का मन खुश हो जाए। अतिथि के कक्ष में ही लेट-बाथ होना चाहिए। इस कक्ष का दरवाजा पहला पूर्व दिशा में तथा दूसरा दक्षिण दिशा में होना चाहिए। खिड़की उत्तर दिशा, पश्चिमी दिशा में या फिर उत्तर-पूर्व कोने में होनी चाहिए। यदि गेस्टरूम वायव्य कोण (उत्तर-पश्चिम) या आग्नेय कोण में है तो आपको इस रूम का बाथरूम नैऋत्य कोण में बनाना चाहिए और उत्तर पूर्वी कोने में एक खिड़की जरूर रखना चाहिए। उत्तर-पूर्वी दिशा में बना पूर्वमुखी या उत्तरमुखी दरवाजा गेस्टरूम के लिए सबसे उत्तम होता है।
3. क्या होना चाहिए अतिथि कक्ष में : कभी भी इस कक्ष में भारी लोहे का सामान नहीं रखना चाहिए, अन्यथा अतिथि को लगेगा कि उसे बोझ समझा जा रहा है और उसे तनाव महसूस होगा। इस रूप को ज्यादा से ज्यादा खाली रखें। इसके लिए आप फोल्डिंग बेड, सोफा कम बेड या दो अलग-अलग बेड का भी इस्तेमाल कर सकते हैं, जिससे कमरा भरा-भरा भी नहीं दिखेगा व सुविधायुक्त भी रहेगा। जहां तक हो सके कमरे में एक ऐसी अलमारी की व्यवस्था हो, जिसके ऊपरी भाग में मेहमान अपना सामान रख सकें।
4. अतिथि कक्ष की तस्वीर : घर में अतिथि कक्ष में हंस की बड़ी-सी तस्वीर लगाएं जिससे अपार धन समृद्धि की संभावनाएं बढ़ जाएगी। इसके अलावा कहीं किसी कोने में धन के ढेर का एक छोटा-सा चित्र भी लगा सकते हैं। अतिथि कक्ष में घर के मुखिया की सीट के पीछे पहाड़ या उड़ते हुए पक्षी का चित्र लगा हो। ऐसी तस्वीरों से अत्मविश्वास और मनोबल बढ़ता है।