22 मई को अमावस्या है। इस दिन वट सावित्री अमावस्या तथा शनि जयंती मनाई जाएगी। इस दिन शनि दोषों से मुक्ति के लिए शनिदेव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। जो जातक शनि की महादशा, साढ़ेसाती, ढैया, अंतरदशा के प्रभाव में हैं, उन्हें शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए विशेष उपाय करना चाहिए। आइए जानते हैं इस दिन किन उपायों से चमकेगा आपका भाग्य-
जनिए आसान उपाय -
* काली गाय, जिस पर कोई दूसरा निशान न हो, का पूजन कर 8 बूंदी के लड्डू खिलाकर उसकी परिक्रमा करें तथा उसकी पूंछ से अपने सिर को 8 बार झाड़ दें।
* काला सूरमा सुनसान स्थान में हाथभर गड्ढा खोदकर गाड़ दें।
* काले कुत्ते को तेल लगाकर रोटी खिलाएं।
* पीपल वृक्ष की परिक्रमा करें। समय प्रात:काल मीठा दूध वृक्ष की जड़ में चढ़ाएं तथा तेल का दीपक पश्चिम की ओर बत्ती कर लगाएं और 'ॐ शं शनैश्चराय नम:' मंत्र पढ़ते हुए 1-1 दाना मीठी नुक्ती का प्रत्येक परिक्रमा पर 1 मंत्र तथा 1 दाना चढ़ाएं। पश्चात शनि देवता से कृपा प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करें।
* 800 ग्राम तिल तथा 800 ग्राम सरसों का तेल दान करें। काले कपड़े, नीलम का दान करें।
* हनुमान चालीसा पढ़ते हुए प्रत्येक चौपाई पर 1 परिक्रमा करें।
* काले घोड़े की नाल अपने घर के दरवाजे के ऊपर स्थापित करें। मुंह ऊपर की ओर खुला रखें। दुकान या फैक्टरी के द्वार पर लगाएं तो खुला मुंह नीचे की ओर रखें। इन उपायों से आप अपने कष्ट दूर कर सकते हैं तथा शनि महाराज की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
* कांसे के कटोरे को सरसों या तिल के तेल से भरकर उसमें अपना चेहरा देखकर दान करें।
* शनि यंत्र धारण करें।
* पानी वाले 11 नारियल, काली-सफेद तिल्ली 400-400 ग्राम, 8 मुट्ठी कोयला, 8 मुट्ठी जौ, 8 मुट्ठी काले चने, 9 कीलें काले नए कपड़े में बांधकर संध्या के पहले शुद्ध जल वाली नदी में अपने पर से 1-1 कर उतारकर शनिदेव की प्रार्थना कर पूर्व की ओर मुंह रखते हुए बहा दें।
* काले घोड़े की नाल या नाव की कील का छल्ला बीच की अंगुली में धारण करें। इस खास अवसर पर उपरोक्त उपाय करने से अच्छे फल मिलते हैं तथा भाग्य में उन्नति होती है।