जब भी कहीं से भी खून की मांग होती है तो मामला साफ होता है कि कोई गंभीर बीमार है। ऐसे में किसी का भी खून मिले, परिजन भगवान का शुक्रिया मानते हैं परंतु एक 3 साल के बच्चे के लिए जाति के आधार पर खून मांगा गया। जिसके बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड गई और मुद्दा हो रहा है वायरल।
एक ब्लड डोनेशन एप 'ब्लड प्लस' पर ट्वीट के जरिए एक 3 साल के बच्चे के लिए 'कम्मा जाति' के ही ब्लड डोनर से खून की गुहार लगाई गई है। यह ब्राह्मण जाति का एक प्रकार है जो तमिलनाडु, कर्नाटका और आंध्रप्रदेश में होते हैं।
यह एप अपने को 'सोशल ब्लड डोनेशन एप' के तौर पर प्रस्तुत करता है। इस ट्वीट से लोगों में गुस्सा है। इस पर जाति को प्राथमिकता देकर मानवता को पीछे धकलेने के आरोप लग रहे हैं। लोग पूछ रहे हैं कि अगर इस जाति विशेष का डोनर नहीं मिलता तो ऐसी स्थिति में क्या वे बच्चे को बिना खून के ही रहने देंगे?