सोशल मीडिया पर एक दावा तेजी से वायरल हो रहा है कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार हाल ही में हुए दंगे के पीड़ितों में से सिर्फ मुसलमानों को आर्थिक मदद दे रही है। इस दावे के साथ एक अखबार में छपे हिंसा पीड़ितों को मदद पहुंचाने संबंधी सरकारी विज्ञापन की फोटो भी शेयर की जा रही है।
क्या है वायरल फोटो में-
वायरल फोटो में देखा जा सकता है कि विज्ञापन पेज की हेडिंग है - “दंगा पीड़ितों की मदद हेतु”। इसके आगे ब्रैकेट में ‘मुस्लिम’ लिखा है। इसे देखकर ऐसा लगता है कि दिल्ली सरकार सिर्फ मुसलमान पीड़ितों को ही आर्थिक मदद दे रही है।
क्या है सच-
हमने वायरल तस्वीर को रिवर्स सर्च किया, तो हमें सोशल मीडिया पर शेयर किए गए दंगा पीड़ितों की मदद संबंधी सरकारी विज्ञापन के ऐसे ही कुछ पेपर कटिंग मिल गए। लेकिन वहां ‘मुस्लिम’ लिखा हुआ नहीं था।
हमने पाया कि वायरल फोटो हिंदी अखबार “दैनिक जागरण” के 29 फरवरी के संस्करण से ली गई है। उसमें छपे विज्ञापन में भी किसी धर्म विशेष का कोई जिक्र नहीं है।
आम आदमी पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से भी 29 फरवरी, 2020 को यह विज्ञापन शेयर किया है।
बता दें, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 27 फरवरी, 2020 को इस सहायता योजना की घोषणा की थी। इस संबंध में दिल्ली सरकार ने 29 फरवरी को कई अखबारों के माध्यम से विज्ञापन जारी किया था।
वेबदुनिया की पड़ताल में पाया गया है कि केजरीवाल सरकार द्वारा सिर्फ मुसलमानों को आर्थिक मदद देने का दावा गलत है और वायरल हो रही फोटो में छेड़छाड़ की गई है। अखबार में छपे सरकारी विज्ञापन में किसी भी धर्म विशेष का कोई जिक्र नहीं किया गया है।