देश में कोरोना की दूसरी लहर तबाही मचा रही है। वहीं, भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन ने चेतावनी दी है कि देश में कोरोना की तीसरी लहर आनी तय है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि आने वाली लहर में बच्चों पर सबसे ज्यादा असर देखने को मिल सकता है। इस बीच सोशल मीडिया पर एक खबर वायरल हो गई कि भारत बायोटेक की कोवैक्सीन अब 12 साल के ऊपर के बच्चों को दी जा सकती है। इसके लिए सरकार ने स्वीकृति दे दी है। आइए जानते हैं कि इस खबर में कितनी सच्चाई है..
भारत सरकार के प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने इस खबर का खंडन किया है। PIB ने ट्वीट कर बताया कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा दावा फेक है। भारत में अभी कोई भी वैक्सीन बच्चों के लिए अप्रूव नहीं हुई है। फिलहाल 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए वैक्सीनेशन की इजाजत दी गई है।
हालांकि, सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) ने बीते मंगलवार को 2 से 18 वर्ष के बच्चों पर भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के दूसरे और तीसरे क्लीनिकल ट्रायल को मंजूरी दे दी है।
SEC ने दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल को मंजूरी देने के साथ ही यह शर्त भी रखी है कि भारत बायोटेक तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल शुरू करने से पहले दूसरे चरण के सुरक्षा संबंधी अंतरिम डाटा CDSCO को मुहैया कराएगी।
आपको बता दें कि भारत बायोटेक ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के साथ मिलकर कोवैक्सीन को तैयार किया है। भारत में कोरोना के खिलाफ टीकाकरण अभियान में सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा बनाई जा रही कोविशील्ड के साथ कोवैक्सीन वैक्सीन का भी प्रयोग किया जा रहा है।