कोलकाता। कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल चुनाव के लिए सोमवार को अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी कर दिया और जोर दिया कि वह 1950 और 1960 के दशक में तत्कालीन मुख्यमंत्री विधान चंद्र रॉय के शासन के तहत राज्य को मिली प्रतिष्ठा को बहाल करना चाहती है। रॉय को आधुनिक बंगाल का निर्माता माना जाता है।
कांग्रेस यह विधानसभा चुनाव वाम मोर्चा और नवगटित इंडियन सेकुलर फ्रंट (आईएसएफ) के साथ गठबंधन में लड़ रही है। कांग्रेस ने घोषणा पत्र में कहा कि वह चीजों को मुफ्त में बांटने की राजनीति में यकीन नहीं करती है, बल्कि पश्चिम बंगाल का चहुंमुखी विकास सुनिश्चित करना चाहती है।
पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि बंगाल ने बीसी रॉय के कार्यकाल में काफी प्रगति की थी और वह राज्य में कई भारी उद्योग लेकर आए थे। उन्होंने कहा कि पार्टी ने आठ मुद्दों को रेखांकित किया है, जिनका वह सत्ता में आने पर निदान करेगी।
कांग्रेस अगर सरकार बनाती है तो वह राज्य की कानून एवं व्यवस्था, महिलाओं की सुरक्षा, सामाजिक सुरक्षा, औद्योगीकरण और रोजगार सृजन को तरजीह देगी। घोषणा पत्र में किसानों के विकास के लिए कदम उठाने का भी वादा किया गया है, जिसमें सिंचाई के लिए इस्तेमाल होने वाली बिजली पर कम से कम 20 प्रतिशत सब्सिडी देना शामिल है।
पार्टी ने आश्वासन दिया कि वह शिक्षा और स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगी, राज्य की संस्कृति, विरासत और कला को संरक्षित करेगी और राज्य के हर घर को स्वच्छ पेयजल प्रदान करेगी। लोगों से टीएमसी और भाजपा को चुनने की गलती नहीं करने की अपील करते हुए कांग्रेस नेता ने दावा किया, वे एक डंठल के दो फूल हैं। हमने नया नारा बनाया है- 'अपना हाथ बढ़ाओ, बंगाल बचाओ'। सिर्फ हमारी ही पार्टी राज्य के भविष्य की भलाई के लिए काम कर सकती है।
चौधरी ने माना कि कांग्रेस के कई कार्यकर्ताओं ने प्रत्याशियों के चयन पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा, प्रदर्शन दिखाते हैं कि कई लोग कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करने में दिलचस्पी रखते हैं, जो अच्छा संकेत है। हमारे कोटा में सीटें सीमित हैं और यही कारण है (हम सबको खुश नहीं कर पाए)।कांग्रेस गठबंधन के तहत 90 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। बंगाल की 294 सदस्यीय विधानसभा में आठ चरणों में चुनाव होगा।(भाषा)