नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के चुनाव प्रचार के दौरान घायल होने पर तृणमूल कांग्रेस के ज्ञापन को लेकर उसे गुरुवार को कड़े शब्दों में पत्र लिखा है और कहा है कि इन आरोपों पर जवाब देना भी अशोभनीय लगता है कि आयोग एक दल विशेष के कहने पर राज्य में काम कर रहा है।
चुनाव आयोग ने कहा कि शुरूआत में कहना होगा कि नंदीग्राम में बनर्जी को चोट लगना वास्तव में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और इसकी पूरी तरह जांच होनी चाहिए। पत्र में आयोग ने लिखा कि यह भी दुर्भाग्यपूर्ण है कि कथित ज्ञापन आक्षेपों और कठोर बयानों से भरा हुआ है, जो चुनाव आयोग के गठन और कामकाज के आधार पर ही सवाल खड़े करता है।
चुनाव आयोग ने कहा कि यह कहना पूरी तरह गलत है कि चुनाव आयोग ने राज्य में चुनाव कराने के नाम पर कानून व्यवस्था अपने हाथ में ले ली है। उसने कहा कि यह एक तरह से भारतीय संविधान की बुनियाद को ही कमजोर करने के समान है जो लोकतांत्रिक शासनतंत्र का सबसे पवित्र दस्तावेज है। पश्चिम बंगाल समेत किसी राज्य के दिन-प्रतिदिन के शासन को आयोग अपने हाथ में नहीं लेता है।
चुनाव आयोग ने कहा कि पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक को बिना सोचे-समझे नहीं हटाया गया है। उसने कहा कि यह विशेष पर्यवेक्षक अजय नायक और विवेक दुबे की सिफारिशों के परिणामस्वरूप किया गया है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर नंदीग्राम में कथित तौर पर हुए हमले से जुड़ी चिंताओं को लेकर शुक्रवार को पार्टी का एक संसदीय प्रतिनिधिमंडल दिल्ली में चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात करने वाला है। खबरों के मुताबिक संसद के दोनों सदनों के तृणमूल कांग्रेस के 6 सांसदों के इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंचने की संभावना है।
शांति की अपील : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पैर में चोट के बाद अस्पताल के बिस्तर पर हैं, अभी चल-फिर नहीं पा रही हैं और अपने समर्थकों से शांति बनाकर रखने की अपील कर रही हैं, लेकिन उन पर कथित हमले के मुद्दे पर गुरुवार को सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और प्रतिद्वंद्वी भाजपा के समर्थकों के बीच झड़पें हुईं। इस बीच कथित हमले के मामले में नंदीग्राम में भारतीय दंड संहिता की धाराओं 341 और 323 के तहत मामला दर्ज किया गया है। पूर्ब मेदिनीपुर जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी।
कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन : तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने पार्टी प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हुए कथित हमले के विरोध में बृहस्पतिवार को राज्य भर में विरोध प्रदर्शन किए। कार्यकर्ताओं ने कोलकाता, उत्तर 24 परगना, हुगली, हावड़ा, बीरभूम, दक्षिण 24 परगना और जलपाईगुड़ी जिले के कुछ हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किए।
इस दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं ने भाजपा के खिलाफ नारेबाजी की और बनर्जी के खिलाफ साजिश रचने के आरोप लगाए। सत्तारुढ़ पार्टी के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए और उन्होंने टायर जलाए। पार्टी कार्यकर्ताओं और भाजपा के कार्यकर्ताओं के एक समूह के बीच सुबह बिरूलिया इलाके में झड़प हुई लेकिन स्थित को तत्काल काबू में कर लिया गया।
नंदीग्राम की घटना के बाद बनर्जी को कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनकी हालत स्थिर है लेकिन उनके चोटिल पैर में दर्द है। सरकारी एसएसकेएम अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा कि मुख्यमंत्री के बाएं पैर और टखने में गंभीर चोट लगी है, इसके अलावा उनके दांये कंधे, कलाई से ऊपर और गर्दन में चोट आई हैं। अभी वह स्थिर हैं लेकिन चोटिल पैर में गंभीर दर्द है। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों के बोर्ड ने शाम को उनकी स्थिति का आकलन किया और आगे रेडियोलॉजिकल जांच करने का फैसला किया है। हालांकि डॉक्टरों ने कहा कि 66 वर्षीय बनर्जी को सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ेगी।
कितनी है ममता की संपत्ति : तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घोषणा की है कि उनके पास कुल 16.72 लाख रुपए की पूंजी है। पूर्ब मेदिनीपुर में नंदीग्राम विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहीं बनर्जी ने चुनाव आयोग को जमा किए अपने हलफनामे में बताया है कि उनके पास कोई गाड़ी या संपत्ति नहीं है। 66 वर्षीय नेता की कुल चल परिसपंत्ति 16.72 लाख रुपए की है।
2016 के विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने 30.45 लाख रुपए की संपत्ति होने की घोषणा की थी। ताजा हलफनामे के अनुसार मुख्यमंत्री के पास 69,255 रुपए नकद हैं वहीं 13.53 लाख रुपये बैंक में जमा हैं। इनमें 1.51 लाख रुपये उनके चुनाव व्यय खाते में हैं। उन्होंने राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी) योजना में 18,490 रुपये जमा कर रखे हैं। बनर्जी के पास केवल नौ ग्राम के जेवर हैं जिनकी कीमत 43,837 रुपए है। मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई आपराधिक मामला लंबित नहीं है।
हमले का खुलासा होना चाहिए : समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हुए 'हमले' की जांच की मांग करते हुए इसका पूरा खुलासा होना चाहिए।
अखिलेश ने सम्भल से पार्टी सांसद डॉक्टर शफीक—उर—रहमान बर्क़ के आवास पर बातचीत में ममता बनर्जी पर हुए कथित हमले के बारे में पूछे जाने पर कहा कि 'जांच होनी चाहिए! जिन लोगों ने भी हमला किया है या जिनके इशारे पर यह घटना हुई है, उसका पूरा का पूरा खुलासा होना चाहिए।
उन्होंने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बारे में एक सवाल पर कहा, 'मुझे उम्मीद है कि बंगाल की जनता एक बार फिर ममता बनर्जी को चुन कर भेजेगी। भाजपा कितनी ही साजिश कर ले, कितनी ही इस तरह की घटनाएं हो जाएं, मगर वहां की जनता जानती है कि लोकप्रिय मुख्यमंत्री कोई है तो वे ममता बनर्जी हैं।