वो लोगों के घरों में काम करने वाली मेड हैं। एक बेहद साधारण सी झोपड़ी में रहती हैं। घरों में काम कर के वो महीने का करीब 2500 रुपए कमा लेती हैं। लेकिन अब भाजपा ने उन्हें चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया है, इस खबर के बाद चारों तरफ भाजपा के इस फैसले के साथ ही इस महिला की चर्चा है।
दरअसल, भाजपा ने विधानसभा चुनाव के लिए कलिता माझी नाम की एक ऐसी महिला को अपना उम्मीदवार बनाया है, जो घरों में काम कर के अपना परिवार चलाती हैं। उन्हें पूर्वी वर्धमान के आउसग्राम विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी ने टिकट दिया है। मांझी के पति सुब्रतो माझी प्लंबर का काम करते हैं। उनका एक बेटा है जो अभी स्कूल में पढ़ रहा है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जैसे ही कलिता माझी को पता चला कि भाजपा ने उन्हें अपने क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया है, उन्होंने अपने काम से डेढ़ महीने की छुट्टी ले ली और चुनाव प्रचार में जुट गई।
कलिता को इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि उन्हें टिकट मिलेगा। वो इस फैसले से हैरान हैं। वे कहती हैं कि बीजेपी में कार्यकर्ताओं की कद्र है, तभी तो वो उम्मीदवार है। कलिता ने मीडिया को बताया कि वे रोजाना की तरह मेड का कर रही थी, लेकिन टिकट मिलने के बाद छुट्टी लेकर प्रचार में उतर गई हैं।
कलिता का मानना है कि नौकरानी होने से उन्हें आम आदमी के मुद्दों और गरीब परिवारों की दुर्दशा को समझने में मदद मिली है। अगर वह जीत जाती है तो उनके परिवार और पड़ोसियों को उम्मीद है कि वह विकास कार्य करेंगी। चुनाव में कलिता के लिए मुख्य मुद्दा अपने गांव के लोगों की मदद करने के लिए एक अस्पताल का निर्माण करना है जिन्हें अभी इलाज के लिए मुख्य बर्धमान शहर जाना पड़ता हैं। बुनियादी ढांचे के विकास और रोजगार के अवसरों जैसे अन्य मुद्दे भी उनकी सूची में हैं।
इधर भाजपा के इस फैसले की भी चर्चा है, ऐसा पहली बार है, जब भाजपा ने इस सीट से उम्मीदवार उतारा है। लोगों को मन में सवाल उठ रहे हैं कि बीजेपी ने कलिता को ही इस उम्मीदवारी के लिये क्यों चुना? दरअसल, कलिता की उम्मीदवारी के साथ, बीजेपी का लक्ष्य उनके गांव के लोगों से जुड़ना है क्योंकि उनकी सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि लोगों को उनके साथ पहचान बनाने में मदद करेगी।