कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Elections) के पहले चरण में शनिवार को 30 सीटों के लिए हुए मतदान के बीच भाजपा ने एक ऑडियो क्लिप जारी किया। इसमें कथित रूप से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) नंदीग्राम से एक भाजपा (BJP) नेता को फिर से तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) में शामिल होने और उन्हें जीतने में मदद करने के लिए मनाती सुनाई दे रही हैं। इस ऑडियो क्लिप से राज्य में नया विवाद खड़ा हो गया है।
हालांकि सत्तारूढ़ दल ने इस पर तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए एक ऑडियो क्लिप जारी किया है जिसमें भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय को कथित रूप उद्योगपति और पार्टी नेता शिशिर बाजोरिया से यह कहते हुए सुना जा सकता है कि चुनाव आयोग को कैसे प्रभावित करना है।
बनर्जी नंदीग्राम से अपने पूर्व सहयोगी और अब भाजपा उम्मीदवार शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ चुनावी मैदान में खड़ी हैं। नंदीग्राम आंदोलन के बल पर ही बनर्जी ने राज्य में वाम मोर्चे को 2011 में हराकर उससे सत्ता छीनी थी। राज्य में तब उन्होंने 34 साल से सत्ता पर काबिज वाम मोर्चा को हराया था।
भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के नेतृत्व में पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात की और उन्हें टेप सौंपा और दावा किया कि बनर्जी विधानसभा चुनाव के परिणाम को प्रभावित करने के लिए अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग कर रही हैं।
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने इस ऑडियो टेप की प्रामाणिकता पर सवाल उठाए, लेकिन उसने साथ ही कहा कि प्रलय पाल तृणमूल के पूर्व नेता थे, जो भाजपा में शामिल हो गए हैं और यदि बनर्जी उन्हें वापस पार्टी में आने के लिए मना रही हैं, तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है।
कुछ ही घंटों बाद तृणमूल ने मीडिया में एक ऑडियो क्लिप जारी किया जिसमें कथित रूप से रॉय और बाजोरिया की बातचीत है। टेप में कथित रूप से रॉय को बाजोरिया से यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वे विधानसभा क्षेत्र से बाहर के व्यक्ति को भी पोलिंग एजेंट के रूप में तैनात करने के लिए चुनाव आयोग को राजी करें। मौजूदा नियमों के तहत कोई भी पार्टी स्थानीय व्यक्ति को ही अपना पोलिंग एजेंट बना सकती है।
कथित रूप से रॉय ने बाजोरिया से कहा कि देखिए, चुनाव आयुक्त से भेंट के दौरान हमें यह मुद्दा रखना है। हमें कहना है कि पोलिंग एजेंट सिर्फ स्थानीय लोग हो सकते हैं, इस नियम को बदला जाना चाहिए। सिर्फ एक पात्रता होनी चाहिए कि व्यक्ति राज्य का निवासी हो। अन्यथा ज्यादातर मतदान केन्द्रों पर भाजपा के पास पोलिंग एजेंट नहीं होंगे।
तृणमूल कांग्रेस ने बेहद गुस्से में इसपर प्रतिक्रिया दी और पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि इस ऑडियो ने भाजपा और चुनाव आयोग के बीच की साठगांठ का पर्दाफाश कर दिया है। इससे पहले दिन में अधिकारी परिवार के वफादार प्रलय पाल ने आरोप लगाया कि बनर्जी ने उन्हें स्वयं फोन किया और नंदीग्राम सीट से जीत हासिल करने में उनकी मदद मांगी।
बनर्जी ने अधिकारी परिवार की मजबूत पकड़ वाले पूर्व मेदिनीपुर जिले में भाजपा पदाधिकारी पाल से कथित रूप से कहा कि आपको नंदीग्राम में जीत दर्ज करने में हमारी मदद करनी चाहिए। देखिए, मैं जानती हूं कि आपको कुछ शिकायतें हैं, लेकिन इनमें से अधिकतर शिकायतें अधिकारी परिवार के कारण हैं, जिसने मुझे कभी नंदीग्राम या पूर्व मिदनापुर नहीं आने दिया। मैं आगे से हर बात का खयाल रखूंगी। हालांकि पाल ने उनकी बात नहीं मानी।
ऑडियो क्लिप में पाल कथित रूप से कह रहे हैं कि दीदी, आपने मुझे फोन किया, जो कि मेरे लिए सम्मान की बात है, लेकिन मैं अधिकारी परिवार को धोखा नहीं दे सकता, क्योंकि उसने हर मुश्किल समय में मेरा साथ दिया है।
पाल ने बाद में टीवी समाचार चैनलों से कहा कि बनर्जी ने उन्हें फोन किया और उनसे तृणमूल में लौटने का आग्रह किया, लेकिन उन्होंने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया। पाल ने कहा कि मैं अब भाजपा के लिए काम कर रहा हूं और अब उन्हें धोखा नहीं दे सकता। पीटीआई इस ऑडियो टेप की प्रामाणिकता की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं कर पाई है।
भाजपा के सोशल मीडिया प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय ने कथित बातचीत की क्लिप शेयर करते हुए ट्वीट किया-बड़ी बात। ममता बनर्जी नंदीग्राम में भाजपा के जिला उपाध्यक्ष प्रलय पाल को फोन करती हैं और उनसे मदद का आग्रह करती है। प्रलय उनसे कहते हैं कि तृणमूल में उनका अपमान किया गया और वह इस परिवार और भाजपा को धोखा नहीं दे सकते। ममता बनर्जी नंदीग्राम और तृणमूल बंगाल में निश्चित ही हार रही हैं।
विजयवर्गीय ने पत्रकारों से कहा कि ममता बनर्जी ने जिस प्रकार बात की, उस तरह कोई हार मान चुका उम्मीदवार ही बात कर सकता है। यह पूछे जाने पर कि क्या यह टेप प्रामाणिक हैं, भाजपा नेता ने कहा कि मैं पूरी जिम्मेदारी से यह बात कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि वे मदद की याचना कर रही हैं। यह दर्शाता है कि उन्होंने हार मान ली है।
तृणमूल ने कहा कि इस टेप की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन यदि बनर्जी पार्टी के किसी पूर्व सदस्य से बात करती हैं, तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है। तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि पहली बात तो यह है कि इस क्लिप की पुष्टि नहीं हुई है। हमें नहीं पता कि यह सच्चाई है या यह सब झूठ है, लेकिन यदि कोई नेता अपने किसी पूर्व नेता या सहयोगी को फोन करता है, तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है। यह राजनीति में स्वाभाविक सी बात है। नंदीग्राम सीट के लिए दूसरे चरण में 1 अप्रैल को चुनाव होगा। (भाषा)