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देश की दो बेटियों ने बढ़ाया मान, पिता से मिला सलाम

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नाजुक सी बेटी जब जन्म के बाद पहली बार पिता के हाथों में आती है तो अरमानों के बादलों पर सवार हो उनका मन ऊंची उड़ान भरने लगता है। और फिर एक दिन उन्हीं अरमानों की उड़ान भर कर बेटी अपना कर्तव्य अदा करती है वाकई सलाम ही किया जा सकता है।

जी हां, हम बात कर रहे हैं दो बे‍टियों की...

एक लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की बेटी अंजलि बिरला की जिसने अपने पहले ही प्रयास में भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयनित होकर प्रतिभा का परिचय दिया।

दूसरी तरफ खुशी का एक और लम्हा अनमोल बन गया सर्कल इंस्पेक्टर श्याम सुंदर ने हैदराबाद में अपनी डीएसपी बेटी जेस्सी प्रशांति को गौरवमयी पलों के बीच सेल्यूट किया।
 
अंजलि बिरला 
ओम बिरला के कोटा स्थित शक्तिनगर आवास पर खुशियां खिलखिला रही हैं। ओम बिरला की दो बेटियां हैं, बड़ी बेटी आकांक्षा सीए है और छोटी बेटी अंजलि का सिविल सर्विसेज में चयन हो गया है। 
 
सिविल सर्विसेज में चयन होने से अंजलि अपने सपनों के पूरा होने का उत्सव बना रही है। वह कहती है, दसवीं क्लास में बहुत अच्छे नंबर हासिल किए थे लेकिन साइंस के बजाए आर्ट्स को जब प्राथमिकता दी तो हर किसी को हैरानी हुई थी।

कॉलेज आने के बाद उन्होंने आईएएस अधिकारी बनने का सोचा। कोटा के सोफिया स्कूल से आर्ट्स में 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद दिल्ली के रामजस कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस (ऑनर्स) में डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने एक साल दिल्ली में रहकर ही यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की।
 
पहले ही प्रयास में सफलता मिलने का श्रेय अंजलि बड़ी बहन आकांक्षा बिरला को देती है : उन्होंने मुझे पढ़ाया और हर समय सकारात्मक सोच से आगे बढ़ाती रही। वह हर वक्त मेरे साथ रहीं। सिविल परीक्षा से लेकर इंटरव्यू तक की स्ट्रेटेजी बनाने में पूरा सहयोग दिया और लगातार मुझे पॉजिटीव रखा।
 
प्रशासनिक सेवा में जाने के बाद अंजलि महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए काम करना चाहती हैं।
 
अंजलि ने बताया कि उन्होंने प्रतिदिन 10 से 12 घंटे परीक्षा की तैयारी की। परीक्षा के लिए उन्होंने पॉलिटिकल साइंस और इंटरनेशनल रिलेशन्स विषय चुने थे।
 
अंजलि की मां अमिता बिरला का कहना है कि अंजलि बचपन से ही पढ़ाई में काफी अव्वल रही है। उन्हें पूरा विश्वास था कि यह कामयाबी उसे जरूर मिलेगी। वो हर काम के लिए कड़ी मेहनत करती है। आज बेटी की मेहनत रंग लाई है। हर मां का सपना होता है कि उनकी बेटी कामयाबी के शिखर तक पहुंचे। आज बेटी ने कर दिखाया है तो स्वाभाविक रूप से खुशी बहुत है।

जेस्सी प्रशांति 
हैदराबाद में अपनी ड्यूटी के दौरान बेटी को सम्मान देने का मौका नहीं छोड़ सके पिता...

यह वह गौरवमयी क्षण था जिसका सपना हर मातापिता देखते हैं। अपनी ही संतान को सम्मान देने का भावुक पल न सिर्फ पिता स्वयं बल्कि इसके साक्षी रहे लोग भी कभी नहीं भूल सकेंगे।

आंध्र प्रदेश पुलिस में सर्किल इंस्पेक्टर पद पर तैनात श्याम सुंदर ने जब अपनी ही बेटी को सलाम किया तो वहां मौजूद सभी की आंखें खुशी से भर आईं। श्याम सुंदर ने जब प्रशांति को सलाम किया तो जवाब में उसने भी सैल्यूट मारा, लेकिन जैसे ही देखा कि वहां उसके पिता हैं तो खुशी से उसकी आंखें सजल हो उठी।
 
आंध्र प्रदेश पुलिस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के जरिए यह जानकारी दी है। ट्वीट में तस्वीर के साथ कैप्शन है  'सर्किल इंस्पेक्टर श्याम सुंदर अपनी ही बेटी डीएसपी जेस्सी प्रशांति को गर्व और सम्मान के साथ सलाम कर रहे हैं।'

सोशल मीडिया में यह तस्वीर वायरल हो गई। आंध्रप्रदेश पुलिस इन दिनों तिरुपति में पुलिस ड्यूटी मीट 2021 का आयोजन कर रही है। इसी आयोजन के दौरान पिता और बेटी की मुलाकात हुई। श्याम सुंदर तिरुपति में कल्याणी डैम ट्रेनिंग सेंटर में तैनात हैं, जबकि उनकी बेटी बतौर डीएसपी गुंटूर में तैनात हैं।

तिरुपति ग्रामीण के एसपी ए. रमेश रेड्डी ने कहा, 'हम ऐसे दृश्य फिल्मों में ही देखते हैं, असल जीवन में नहीं। मुझे इस बात की खुशी है कि पिता और बेटी एक साथ पुलिस यूनिफॉर्म में अपनी ड्यूटी कर रहे हैं। मुझे प्रशांति पर गर्व है।'

पिता श्याम सुंदर ने कहा कि मेरी बेटी जब सीनियर अधिकारियों से बात कर रही थी तो यह देखकर मेरा सीना गर्व से चौड़ा हो गया। उन्होंने कहा, 'बेटी ने सफलता अर्जित की है, एक पिता को और क्या चाहिए। मुझे पूरा भरोसा है कि बेटी पूरी ईमानदारी और सत्यनिष्ठा से अपना काम करती रहेगी।

प्रशांति ने बताया कि जब मेरे पिता ने मुझे सैल्यूट किया तो मैं असहज हो गई थी। तिरुपति आने के बाद मैं अपने पिता से मिली नहीं थी, इसलिए जब उनको देखा तो खुश हो गई लेकिन जैसे ही उन्होंने सैल्यूट किया तो मैं शर्मा गई लेकिन यह सब हमारी ड्यूटी का हिस्सा है। प्रशांति ने पिता को श्रेय दिया और कहा कि वह मेरी प्रेरणा हैं और उनकी ही वजह से मैं पुलिस सर्विस में आई।

हर बेटी अपने पिता को खुशियां देना चाहती हैं हर पिता अपनी बेटी की प्रगति और तरक्की के सपने देखता है और जब कामयाबी बेटी जैस्सी और अंजलि की तरह आती है तो पिता का भावुकता से लबरेज सेल्यूट तो बनता ही है।

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