मुंबई। महाराष्ट्र में शिवसेना विधायक दल में विभाजन के बाद अब उसके संसदीय दल में भी दोफाड़ की संभावना है। पार्टी के 18 में से कम से कम 12 सांसद लोकसभा में उन्हें अलग समूह के रूप में मान्यता देने के अनुरोध के साथ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र सौंपने की तैयारी में हैं।
शिवसेना के एक सांसद ने सोमवार को दावा किया कि पार्टी के 18 में से कम से कम 12 सांसद लोकसभा में उन्हें एक अलग समूह के रूप में मान्यता देने की मांग करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को एक औपचारिक पत्र सौंपेंगे।
दादरा एवं नागर हवेली की लोकसभा सदस्य कलाबेन डेलकर ने शिवसेना के प्रति अपनी निष्ठा का वादा जरूर किया है, लेकिन उन्होंने पार्टी के निशान पर चुनाव नहीं लड़ा था। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे मंगलवार को दिल्ली में होंगे और पार्टी के लोकसभा सदस्यों के अलग धड़े के उनसे मिलने की संभावना है।
शिवसेना के राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने दिल्ली में कहा, हम उन सांसदों के विरुद्ध कार्रवाई करेंगे, जो शिंदे के साथ बैठक में हिस्सा लेंगे। शिवसेना में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व के खिलाफ बगावत करने वाले एकनाथ शिंदे को भारतीय जनता पार्टी के समर्थन से 30 जून को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी। महाराष्ट्र विधानसभा में उन्हें शिवसेना के 55 विधायकों में से 40 का समर्थन प्राप्त है एवं विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने उनके गुट को विधायक दल के रूप में मान्यता दे दी है।
शिवसेना के एक सांसद ने कहा, आज मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा आयोजित एक ऑनलाइन बैठक में हम शामिल हुए। हमने (मुंबई दक्षिण मध्य से सांसद) राहुल शेवाले के नेतृत्व में एक अलग समूह बनाने का फैसला किया है। (लोकसभा में) वह हमारे समूह के नेता होंगे।
शिवसेना के 14 लोकसभा सदस्यों के अलग समूह बनाने की अटकलों के मद्देनजर, पार्टी सांसद संजय राउत के निवास पर एकत्र हुए। राउत के निवास पर जिन पार्टी सांसदों ने बैठक में हिस्सा लिया उनमें अरविंद सावंत,विनायक राउत, ओम राजे निम्बालकर, संजय जाधव, प्रियंका चतुर्वेदी एवं राजन विचारे शामिल हैं।
राउत ने कहा कि गजानन कीर्तिकर अस्वस्थ हैं। उन्होंने लोकसभा सदस्यों की ओर इशारा करते हुए कहा, आप कैसे 14 सांसदों का दावा कर सकते हैं, जबकि हममें से छह-सात यहां हैं। उन्होंने शिवसेना के शिंदे गुट द्वारा पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी को भंग करने की खबरों को भी खारिज किया।
उन्होंने कहा, जो कुछ हो रहा है, उसे कॉमेडी एक्सप्रेस सीजन 2 कहा जा सकता है। शिवसेना एक मान्यताप्राप्त राजनीतिक दल है। अलग हुए धड़े को राष्ट्रीय कार्यकारिणी को भंग करने का कोई अधिकार नहीं है। राउत ने कहा कि उच्चतम न्यायालय शिंदे के नेतृत्व में अलग हुए गुट के भविष्य का फैसला करेगा।
रामदास कदम को किया बर्खास्त : शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने सोमवार को वरिष्ठ नेता रामदास कदम और पूर्व सांसद आनंदराव अडसुल को 'पार्टी विरोधी' गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में पार्टी से बर्खास्त कर दिया।
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री कदम ने शिवसेना नेता के रूप में इस्तीफा देते हुए एक पत्र ठाकरे को भेजा था जिसमें दावा किया गया था कि उनका लगातार अपमान किया गया, जबकि ठाकरे मुख्यमंत्री रहते हुए हमेशा व्यस्त रहते थे। अमरावती लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके पूर्व केंद्रीय मंत्री अडसुल ने 6 जुलाई को पार्टी से इस्तीफा देते हुए एक पत्र लिखा था।
ठाकरे ने सोमवार शाम को कदम और अडसुल को बर्खास्त करने की घोषणा की। कदम ने अपने पत्र में शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस के बीच 2019 के चुनाव के बाद के गठबंधन पर अपनी पीड़ा व्यक्त की, जिसे उन्होंने शिवसेना के संस्थापक, दिवंगत बाल ठाकरे के विचारों के साथ विश्वासघात करार दिया।(एजेंसियां)