मुंबई। महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार ने 1975 में लगाए गए आपातकाल के दौरान जेल में बंद किए गए राजनीतिक कार्यकर्ताओं के लिए पेंशन योजना को बहाल कर दिया है। यह योजना 2018 में देवेंद्र फडणवीस सरकार ने शुरू की थी लेकिन उद्धव ठाकरे नीत महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार ने 2020 में इसे रद्द कर दिया था।
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जून 1975 में आपातकाल लगा दिया था। इसका विरोध करने पर कई कार्यकर्ताओं को जेल में बंद कर दिया गया था। 2014-2019 तक सत्ता में रही फडणवीस सरकार ने इन कार्यकर्ताओं को पेंशन मुहैया कराने का फैसला किया था।
इन कार्यकर्ताओं को 1975 से 1977 के बीच जेल में रहने की अवधि के हिसाब से पांच हजार रुपए से लेकर 10 हजार रुपए तक पेंशन दी जाती थी। अगर कोई शख्स एक महीने तक जेल में रहा था तो उसे पांच हजार रुपए की पेंशन दी जाती थी जबकि तीन महीने या इससे अधिक समय तक जेल में रहने वाले व्यक्ति को 10 हजार रुपए मिलते थे।
शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में फडणवीस उपमुख्यमंत्री हैं। उन्होंने कहा कि आपातकाल का विरोध करने वाले कार्यकर्ता राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, जन संघ और कुछ अन्य राजनीतिक दलों से थे। उन्होंने कहा, लोकतंत्र बहाल करने के लिए प्रदर्शन करने पर कई लोगों को जेल भेज दिया गया था। मेरे पिता दो साल तक जेल में रहे थे।फडणवीस ने कहा कि एमवीए सरकार ने कांग्रेस के दबाव में पेंशन योजना को बंद कर दिया होगा।(भाषा)