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आधी आबादी के साथ, सेहत और सुरक्षा की बात - International Women's day 2022

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अपने पूरे परिवार का ध्यान रखने वाली महिलाएं अक्सर अपनी सेहत को नजरअंदाज कर देती है। जब बहुत अधिक बीमारी होती है तब वे अपनी सेहत पर ध्यान देती है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2022 पर वेबदुनिया ने महिलाओं की मानसिक और शारीरिक समस्‍याओं को प्राथमिकता पर रखा है, जानी-मानी विशेषज्ञों से चर्चा की। और जानने की कोशिश की कि  किस तरह से हर उम्र के पड़ाव में महिलाओं को अपनी सेहत का ध्यान रखना जरूरी है।

डॉ. प्रीति शुक्ला ने वेबदुनिया से किशोरियों के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि, छोटी बच्चियों के आहार में दाल, चावल, रोटी और हरी सब्जी  जरूर होना चाहिए। ताकि उन्‍हें जरूरी पोषण मिलें। क्योंकि कई बार जब छोटी बच्चियों को जरूरी पोषण नहीं मिलने पर वे बहुत दुबली हो जाती है जिससे मानसिक तनाव भी बढ़ता है। वहीं देखा जाए तो लॉकडाउन के दौरान घर में रहते हुए बच्चियों में विटामिन डी की कमी भी हो सकती है। अगर लगता है बच्‍चा अकेले रहना पसंद करता है तो विटामिन डी की कमी भी हो सकती है। वहीं जब बच्चियों के पीरियड शुरू होते हैं उस दौरान अधिक ध्यान रखने की जरूरत होती है ताकि वह एनीमिया का शिकार नहीं हो जाए।

गृहिणियां अपना आधे से अधिक जीवन काम और दूसरों की सेहत का ख्याल रखने में ही व्यतीत कर देती है। गायनोकोलॉजिस्ट डॉ. हेमा जाजू ने बताया कि, गृहिणी परिवार का केंद्र होती है, अगर वे स्वस्थ रहती है तो परिवार स्वस्थ रहता है। महिलाओं को अपने लिए समय जरूर निकालना चाहिए। वॉक, प्राणायाम, या योग को अपने जीवन का हिस्सा जरूर बनाना चाहिए।

डॉ संगीता मालू, जानी-मानी न्यूट्रिशनिस्ट हैं..महिला दिवस पर संदेश देते हुए कहा 60 साल की उम्र के बाद भी जीवन खत्म नहीं होता है। अगर आप जिंदगी से बोरियत महसूस करते हैं तो अपनी हॉबिज को फिर से जिंदा कीजिए। रिटायरमेंट पीरियड बहुत अच्‍छा होता है इस उम्र में आपको  अपने लिए टाइम मिलता है। आप लगभग सभी जिम्मेदारियों से मुक्त हो जाते हैं। 60 साल के बाद आपको जिस कार्य से खुशी मिले वह कार्य करें। बढ़ती उम्र के साथ अपनी सेहत का पूरा ख्याल रखें। दूध, घी, मिठाई, शक्कर, नमक का परहेज सीमित कर दें। जिससे आपकी सेहत अच्छी रहेगी। साथ ही प्राणायाम और एक्सरसाइज जरूर करें। जिंदगी बहुत छोटी है, 60 साल की उम्र के बाद आपको फिर से जीने का मौका देती है।

हर पड़ाव पर महिलाओं को उम्र का ख्याल रखना होता है। बच्‍ची से लेकर रिटायरमेंट की आयु तक अलग-अलग किरदार के अनुसार आपके खानपान में परिवर्तन आता है। क्‍योंकि अक्‍सर देखा जाता है जब घर में मां बीमार होती है तो पूरा घर उनके की कामों में लग जाता है। साथ ही किसी को कुछ भी अच्‍छा नहीं लगता है। इसलिए महिलाओं को अपना सेहत का ध्यान रखना भी जरूरी और हर उम्र में दूसरों के साथ अपने लिए भी जीने का हक रखती है।
 

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