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लगभग 150 वर्ष तक जिंदा बने रहने के लिए 10 खास बातें

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अनिरुद्ध जोशी

आयुर्वेद शास्त्र के अनुसार मनुष्य की आयु लगभग 120 वर्ष बताई गई है लेकिन वह अपने योगबल से लगभग 150 वर्षों से ज्यादा जी सकता है। कहते हैं कि प्राचीन मानव की सामान्य उम्र 300 से 400 वर्ष हुआ करती थी, क्योंकि तब धरती का वातावरण व्यक्ति को उक्त काल तक जिंदा बनाए रखने के लिए था। आओ जानते हैं दीर्घायु बने रहने के लिए 10 खास बातें।

 
1. जीवन शैली में सुधार : आर्काइव्स ऑफ इंटरनल मेडिसिन में प्रकाशित शोध के परिणाम कहते हैं कि लंबी उम्र के लिए हमारे जीन सिर्फ 30 प्रतिशत तक जिम्मेदार होते हैं बाकी का काम तो जीवन शैली करती है। मतलब यह कि आपको जीवन शैली बदलना होगी अन्यथा आप 70 से 80 के बीच स्वर्ग सिधार जाएंगे। अब जानिए तीन नुस्खे।

 
2. शुद्ध वायु का सेवन : प्राचीन ऋषि कहते हैं कि वनों से वायु, वायु से आयु प्राप्त होती है। यदि आपके घर के आसपास अच्छे वृक्ष (पौधे नहीं) नहीं है तो उन्हें लगाएं। शरीर की वायु को शुद्ध करने के लिए प्राणायाम को अपनी नियमित जीवन शैली में शामिल कर लें।
 
2. उत्तम अन्न-जल : उत्तम अर्थात जिस शाकाहारी भोजन से शरीर को सभी तरह के विटामिन, खनिज, कैल्शियम, ऑयरन आदि प्राप्त होते हों। साथ ही जल की प्रकृति को समझना जरूरी है। शुद्ध जल ही पर्याप्त नहीं होता बल्कि आपके शरीर के टेम्परेचर के हिसाब से जल ग्रहण करें। भोजन करने और जल पीने के आयुर्वेदिक नियमों का पालन करें। यदि आप सीधे प्रकृति से प्राप्त ही भोजन करेंगे तो अति उत्तम होगा।
 
3. प्राणायाम : आपको शायद यह तो पता ही होगा कि कछुआ लगभग 150 वर्ष तक इसलिए जिंदा रहता है क्योंकि उसकी श्वास लेने की गति बहुत ही धीमी है और वह शुद्ध वायु को ही अपने भीतर ग्रहण करता है। कछुए की सांस लेने और छोड़ने की गति इंसानों से कहीं अधिक दीर्घ है। व्हेल मछली की उम्र का राज भी यही है। बड़ और पीपल के वृक्ष की आयु का राज भी यही है। वायु को योग में प्राण कहते हैं। इसलिए प्राणायाम को अपने नियमित जीवन का हिस्सा बनाएं। अनुलोम विलोम को अच्छे से सीखने के बाद कुंभक और केवली प्राणायाम भी सीख लें।
 
4. रोज योगासन करें : जितनी जल्दी हो सके योग के सभी क्रिया, कर्म, आसन आदि सीख लें। फिर भले ही नियमित रूप से आसन ही करें और जरूरत होने पर क्रियाएं करें। यह बहुत जरूरी है कि आप यह जान लें कि यौगिक क्रियाएं किस तरह से कार्य करती हैं। आसनों से ज्यादा असरकारक होती है यौगिक क्रियाएं।
 
6. जड़ी बूटियों से उम्र को रोका जा सकता है : वैज्ञानिक अमरता के रहस्यों से पर्दा हटाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। बढ़ती उम्र के प्रभाव को रोकने के लिए कई तरह की दवाइयों और सर्जरी का विकास किया जा रहा है। अब इसमें योग और आयुर्वेद को भी महत्व दिया जाने लगा है। बढ़ती उम्र के प्रभाव को रोकने के बारे में आयोजित एक व्यापक सर्वे में पाया गया कि उम्र बढ़ाने वाली 'गोली' को बनाना संभव है। रूस के साइबेरिया के जंगलों में एक औषधि पाई जाती है जिसे जिंगसिंग कहते हैं। चीन के लोग इसका ज्यादा इस्तेमाल करके देर तक युवा बने रहते हैं।
 
7. चिंता और नशा से घटती है उम्र : अनावश्यक चिंता-बहस, नशा, स्वाद की लालसा, असंयमित भोजन, गुटका, पाऊच, तम्बाकू और सिगरेट के अलावा अतिभावुकता और अतिविचार के चलते बहुत से लोग समय के पूर्व ही अधेड़ होने लगे हैं और उनके चहरे की रंगत भी उड़ गई है। उक्त सभी पर प्रतिबंध लगाएं।
 
8. प्रतिदिन करें 5 मिनट का ध्यान : काम, क्रोध, मद, लोभ, व्यग्रता, नकारात्मता और भावुकता से मन-मस्तिष्क रोग से ग्रस्त हो जाता है। यह रोगग्रस्त मन हमारे शरीर का क्षरण करता रहता है। इस पर कंट्रोल करने के लिए ही ध्यान करते हैं।
 
9. सौ दवाई एक घुमाई : कई लोग प्रतिदिन 1 घंटा पैदल प्रात: पैदल भ्रमण करते हैं। पैदल चलना सेहत के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है।
 
10. उपवास : गुरुवार और एकादशी का उपवास रखते हुए आप प्रतिदिन 16 घंटे उपवास का रूल फालो करें। अर्थात रात के भोजन के बाद 16 घंटे तक कुछ भी न खाएं और न पीएं। बस जल और नारियल पानी ही ग्रहण कर सकते हैं।

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