Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

हठयोग क्या है?

हमें फॉलो करें हठयोग क्या है?
PR
हठयोग शारीरिक और मानसिक विकास के लिए विश्व की प्राचीनतम प्रणाली है जिसका शताब्दियों से भारत के योगियों द्वारा अभ्यास किया गया है। मनोकायिक व्यायामों की यह एक अनन्यतम विधि है। हठयोग के आसन मानसिक प्रशांति, शारीरिक संतुलन और दिव्य प्रभाव के साथ प्रतिपादित होते हैं। इससे मेरुदंड लचीला बनता तथा स्नायु संस्थान के स्वास्थ्‍य में वृद्धि होती है। योगासनों से स्नायओं के मूल का आंतरिक प्राणों द्वारा पोषण होता है। अतएव योगासन अन्य व्यायामों से पृथक है।

हठयोग के नियमित अभ्यास से आप अपना खोया हुआ स्वास्थ्य और मानसिक शांति प्राप्त कर सकते हैं। आत्मा की गुप्त शक्तियों को उद्घाटित कर अपनी संकल्पशक्ति में वृद्धि कर सकते हैं और जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर आत्मसाक्षात्कार के उत्कृष्ट शिखर पर आसीन हो सकते हैं।

हठयोग के आसन मन एवं शरीर के सूक्ष्म संबंध के पूर्ण ज्ञान पर आधारित एक अद्धभुत मनोशारीरिक व्यायाम प्रणाली है। अन्य सभी उच्च योग जैसे- कर्मयोग, भक्तियोग और ज्ञानयोग की सिद्धि के लिए हठयोग एक साधन है। मन और शरीर ही सारे मानवीय प्रयत्नों (आध्यात्मिक तथा भौतिक) का आधार है।

'हठ' शब्द की रचना 'ह' और 'ठ' दो रहस्यमय एवं प्रतीकात्मक अक्षरों से हुई है। 'ह' का अर्थ 'सूर्य' और 'ठ' का अर्थ 'चंद्र' है। योग का अर्थ इन दोनों का संयोजन या एकीकरण है।
webdunia

सूर्य तथा चंद्र के एकीकरण या संयोजज का माध्यम हठयोग है। प्राण- (प्रमुख जीवनी शक्ति) ही सूर्य है। हृदय के माध्यम से यह क्रियाशील होकर श्वसन तथा रक्त संचार का कार्य संपादित करता है। अपान- ही चंद्र है जो शरीर से अशुद्धियों के उत्सर्जन और निष्कासन का कार्य संपादित करने वाली सूक्ष्म जीवनी शक्ति है।

सूर्य तथा चंद्र (ह एवं ठ) मानव शरीर के दो ध्रुवों के प्रतीक हैं। जीवन की सारी क्रियाओं और गतिविधियों को बनाए रखने में इन दो जीवनी शक्तियों का पारस्परिक सामंजस्य आवश्यक है। ये मानव शरीर के माध्यम से कार्यरत सार्वभौमिक शक्ति का प्रतिनिधित्व करती हैं।

मानव हृदय में स्थित प्राण (जीवनी शक्ति) ही ग्रह, नक्षत्र, सूर्य-चंद्र की गति को नियंत्रित करता है तथा वायु, विद्युत, चुम्बकत्व, प्रकाश, उष्मा, रेडियो-तरंग इत्यादि शक्तियों में अभिव्यक्त होता है।

webdunia
  PR
हठयोग की कुँजी से प्राण की अनंत निधि का द्वार खोल कर अपने जीव को शक्ति, साहस, शांति, ऐश्वर्य और पूर्णता से परिपूर्ण कीजिए। इस जगत में कुछ भी असंभव नहीं है। नवजीवन तथा शक्ति को अपने स्नायुओं और रक्त वाहिकाओं में स्पंदित होने दीजिए। सार्वभौमिक शांति तथा विश्व प्रेम को स्थापित करने का हठयोग एक सुंदर साधन है। क्योंकि विश्व शांति वैयक्तिक शांति पर ही निर्भर है। जब तक काम और अपरिमित इच्छाओं के काले बादल को हटाकर व्यक्तिगत शांति स्थापित करने के सभी प्रयास निष्फल सिद्ध होंगे।

हठयोग का अभ्यास आज से ही आरंभ करने का दृढ़ संकल्प कर इसके विभिन्न लाभों को स्वयं अनुभव कीजिए। तेजस्वी स्वास्थ्य, सफलता, शांति, समृद्धि तथा अमरत्व के लिए ईश्वरीय आशीर्वाद आप सबों को प्राप्त हो!

पुस्तक : आसन, प्राणायाम, मुद्रा और बंध (Yaga Exercises For Health and Happiness)
लेखक : स्वामी ज्योतिर्मयानंद
हिंदी अनुवाद : योगिरत्न डॉ. शशिभूषण मिश्र
प्रकाशक : इंटरनेशनल योग सोसायटी

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

दो सौतेले बेटों की हत्या