कोरोना वायरस नामक महामारी से बचने के लिए इम्युनिटी बढ़ाने खा खास महत्व है। कई लोग इसके लिए बहुत से उपाय करते हैं। कोरोना वायरस सचमुच घातक है, लेकिन इससे संक्रमित हजारों लोग ठीक भी हो गए हैं। यदि आपने लोगों से मिलना-जुलना और भीड़ वाले क्षेत्र में जाना छोड़ दिया है तो सबसे बड़ा बचाव यही है। इसके अलावा हमारे द्वारा बताए गए 5 उपाय भी आप आजमा कर अपना इम्यून पावर बढ़कर कोरोनावायरस से बचे रह सकते हैं।
1. उपवास : एक दिन का पूर्ण उपवास या व्रत हमारे भीतर के रोगाणु और विषैले पदार्थ को बाहर निकालकर हमारी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। यदि आप वृद्ध नहीं हैं तो आप इस दौरान नारियल पानी लें और एक बाल हरड़ का सेवन करें। बाल हरड़ को खाना नहीं बल्कि चूसना है। यह आपके शरीर के टॉक्सिन्स को बाहर कर देगी।
2. उत्तम भोजन : पूर्ण रूप से शाकाहार जीवनशैली अपनाएं और सूर्यास्त के पूर्व की भोजन कर लें। सूर्यास्त के पहले भोजन करने से पाचन तंत्र ठीक रहता है। रात्रिकाल के शुरु होते ही भोजन में बासीपन और दूषित होने की प्रक्रिया शुरु होने लगती है। उत्तम भोजन ही हमें रोगाणु से लड़ने की सुरक्षा और गारंटी देता है। भोजन के साथ ही तुलसी का रस, त्रिकूट काड़ा, मुलैडी भी लें। कुंदरु, कोझियारी भाजी, चौलाई का साग, खुम्ब, गोंगुरा, बथुआ, जिमीकंद, अजमोद, ताजा हरा लहसुन, केल की सब्जी, मैथी, पालक, धनिया आदि का भरपूर उपयोग करें। साथ ही काली मिर्च, नींबू, काला नमक, अदरक, अजवाइन, मैथीदाने का भी उपयोग करें।
इसके अलावा दूध, दही, घी, मक्खन, शहद, शहतूत, हरी पत्तेदार सब्जियां, नारियल, मिश्री, खीर, पंचाम्रत, भात आदि सात्विक भोजन के अंतर्गत आते हैं। यह भोजन रसयुक्त, हल्की चिकनाईयुक्त और पौष्टिक होना चाहिए। इसमें अन्ना, दूध, मक्खन, घी, मट्ठा, दही, हरी-पत्तेदार सब्जियां, फल-मेवा आदि शामिल हैं। इन्हीं के साथ नींबू, नारंगी और मिश्री का शरबत, लस्सी जैसे तरल पदार्थ बहुत लाभप्रद हैं। इस तरह का भोजन करने से भी इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। यदि आप सीधे प्रकृति से प्राप्त ही भोजन करेंगे तो अति उत्तम होगा।
3. मालिश : बदन की घर्षण, दंडन, थपकी, कंपन और संधि प्रसारण के तरीके से मालिश कराएं। इससे मांस-पेशियां पुष्ट होती हैं। रक्त संचार सुचारू रूप से चलता है। इससे तनाव, अवसाद भी दूर होता है। शरीर कांतिमय बनता है। शरीर में यदि रक्त संचार सुचारू होगा तो किसी भी प्रकार का रोग या बीमारी नहीं होगी।
4. प्राणायाम : अंग-संचालन या सूर्य नमस्कार करते हुए यदि आप इसमें अनुलोम-विलोम प्राणायाम भी जोड़ देते हैं तो यह एक तरह से आपके भीतर के अंगों और सूक्ष्म नाड़ियों को शुद्ध-पुष्ट कर देगा। प्राणायाम से एक ओर जहां भोजन को पचने में सहयोग मिलता है वहीं यह शरीर के टॉक्सिन को बाहर निकालकर इम्युनिटी बढ़ाता है। प्राचीन आयुर्वेद के ऋषि कहते हैं कि वनों से वायु, वायु से आयु प्राप्त होती है। यदि आपके घर के आसपास अच्छे वृक्ष (पौधे नहीं) नहीं है तो उन्हें लगाएं। शरीर की वायु को शुद्ध करने के लिए प्राणायाम को अपनी नियमित जीवन शैली में शामिल कर लें। इससे शरीर का ऑक्सिजन लेवल बढ़ेगा।
5. शुद्ध वायु और जल का सेवन : प्रात:काल उठकर मॉर्निक वॉक पर जाएं। कई लोग प्रतिदिन 1 घंटा प्रात: पैदल भ्रमण करते हैं। पैदल चलना सेहत के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है। सौ दवाई एक घुमाई। डॉक्टर कहते हैं कि जो लोग नियमित पैदल चलकर अपना स्टेमिना बढ़ा रहे हैं उन पर महामारी का असर ज्यादा या घातक नहीं होता है। आप अपने घर में या छत पर भी कम से कम आधा घंटा पैदल चल सकते हैं।
बतादें की अच्छी नींद लेने और निश्चिंत जीवन जीने से भी इम्युनिटी पावर बढ़ती है। अनिद्रा, भय, डर या तनाव से इम्युनिटी घटने लगती है।