international yoga day 2023 : यदि सुबह उठते वक्त या रात सोने के दौरान आपके पैरों में ऐंठन आती है, नसें खिंचाती है तो सबसे पहले तो डॉक्टर से इसका कारण पूछें और यदि कोई गंभीर बात हो तो इसका इलाज कराएं, परंतु यह स्ट्रेस या आपकी कार्य शैली के कारण ऐंठन आ रही है तो आप हमारे बताए मात्र 4 योगासन करें और निश्चिंत हो जाएं।
1. वज्रासन : बैठकर दोनों पैर सामने सीधा करें फिर पहले दाहिने हाथ से दाहिने पैर के पंजे को पकड़कर घुटना मोड़ते हुए एड़ी नितंब के नीचे रखे। इसी तरह बाएं पैर के घुटने को मोड़कर नितंबों के नीचे रखें। हाथों की हथेलियों को घुटनों पर रखें। रीड़ की हड्डी़ और गर्दन सीधी रखें। सामने देंखें। इस स्थिति में कम से कम तीन मिनट बैठना चाहिए। फिर साँस छोड़ते हुए पुन: क्रमश: पैरों को सामने सीधाकर आराम की स्थिति में आ जाएं।
2. बालासन : वज्रासन में बैठते हुए सिर आगे की ओर झुकाते हुए माथे को भूमि पर टेक दें। अब दोंनों हाथों को या तो पीछे मोड़कर पैर के पंजों के पास फिंगर लॉक कर लें या दोनों हाथों को आगे की ओर फैलाते हुए हथेलियों को भूमि पर टेक दें।
3. मार्जरी आसन : मार्जरी यानी बिल्ली। इसमें बिल्ली की तरह आकृति बन जाती है। वज्रासन में बैठने के बाद घुटनों के बल खड़े हो जाएं और फिर दोनों हथेलियों को भूमि पर जमाने के बाद गर्दन को छाती की ओर दबाऋं और पीठ को आसमान की ओर उठांएं। दूसरी स्थिति में सिर को आसमान की ओर उठाकर पेट को भूमि की ओर झुकाएं और पुट्ठों को उपर की ओर उठाएं।
4. वीरभद्रासन : इसको करने के 2-3 तरीके हैं। इसे खड़े होकर किया जाता है। पहले सीधा खड़े हो जाएं और अब जितना हो सके दायां पैर आगे करके रीढ़ की हड्डी को सीधा करें। इस स्थिति में बायां पैर का घुटना भूमि पर और दाएं पैर का घुटान आसमान की ओर रहेगा। इसके बाद दोनों हाथों को जोड़ते हुए ऊपर उठाकर भुजाओं को कानों से सटा लें। अब धीरे-धीरे सिर को पीछे की ओर झुकाएं।
लाभ : उपरोक्त आसन पैरों की मांसपेशियों को मजबूत बनाते हैं। इससे रीढ़ की हड्डी और कंधे सीधे होते हैं। शरीर में रक्त-संचार समरस होता है और इस प्रकार शिरा के रक्त को धमनी के रक्त में बदलने का रोग नहीं हो पाता है। इसी के साथ ही यह पैरों की सुन्नता, ऐंठन और झुनझुनी को दूर करता है।