Yoga Yogasan : अनियमित भोजन और जीवन शैली के कारण शरीर बेडौल या मोटा हो जाता है। आसनों का मुख्य उद्देश्य शरीर से मल या दूषित विकारों के नष्ट करके चर्बी को घटना और शरीर को सुडौल बनाकर स्वस्थ रखना। यदि आपकी कमर और पेट लचकदार तथा संतुलित हैं तो स्फूर्ति और जोश तो कायम रहेगा ही साथ ही आप कई तरह के रोग से बच जाएंगे। जानिए किन 2 आसनों को करके आप आकर्षक दिखाई देंगे।
1. कटिचक्रासन :-
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कटि का अर्थ कमर अर्थात कमर का चक्रासन। यह आसन खड़े होकर किया जाता है।
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उक्त आसन में दोनों भुजाओं, गर्दन तथा कमर का व्यायाम होता है।
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पहले सावधान की मुद्रा में खड़े हो जाएँ। फिर दोनों पैरों में लगभग एक फीट की दूरी रखकर खड़े हो जाएँ।
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फिर दोनों हाथों को कन्धों के समानान्तर फैलाते हुए हथेलियाँ भूमि की ओर रखें।
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फिर बायाँ हाथ सामने से घुमाते हुए दाएँ कंधे पर रखें।
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फिर दायाँ हाथ मोड़कर पीठ के पीछे ले जाकर कमर पर रखिए।
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ध्यान रखें की कमर वाले हाथ की हथेली ऊपर ही रहे।
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अब गर्दन को दाएँ कंधे की ओर घुमाते हुए पीछे ले जाएँ। कुछ देर इसी स्थिति में रहें।
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फिर गर्दन को सामने लाते हुए क्रमश: हाथों को कंधे के समानान्तर रखते हुए अब इसी क्रिया को दाएँ ओर से करने के पश्चात बाएँ ओर से कीजिए।
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इस प्रकार इसके एक-एक ओर से 5-5 चक्र करें।
2. त्रिकोणासन :-
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सबसे पले सावधान की मुद्रा में सीधे खड़े हो जाएं।
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अब एक पैर उठाकर दूसरे से डेढ़ फुट के फासले पर समानांतर ही रखें।
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मतलब आगे या पीछे नहीं रखना है। अब श्वांस भरें।
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फिर दोनों बाजुओं को कंधे की सीध में लाएं। अब धीरे-धीरे कमर से आगे झुके। फिर श्वास बाहर निकालें।
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अब दाएं हाथ से बाएं पैर को स्पर्श करें। बाईं हथेली को आकाश की ओर रखें और बाजू सीधी रखें। इस दौरान बाईं हथेली की ओर देखें।
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इस अवस्था में दो या तीन सेकंड रुकने के दौरान श्वास को भी रोककर रखें।
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अब श्वास छोड़ते हुए धीरे धीरे शरीर को सीधा करें।
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फिर श्वास भरते हुए पहले वाली स्थिति में खड़े हो जाएं। इसी तरह श्वास निकालते हुए कमर से आगे झुके।
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अब बाएं हाथ से दाएं पैर को स्पर्श करें और दाईं हथेली आकाश की ओर कर दें।
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आकाश की ओर की गई हथेली को देखें। दो या तीन सेकंड रुकने के दौरान श्वास को भी रोककर रखें।
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अब श्वास छोड़ते हुए धीरे धीरे शरीर को सीधा करें। फिर श्वास भरते हुए पहले वाली स्थिति में खड़े हो जाएं।
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यह पूरा एक चरण होगा। इसी तरह कम से कम पांच बार इस आसन का अभ्यास करें।