लाल पत्थर का काला कारोबार

Webdunia
रविवार, 18 मार्च 2012 (02:50 IST)
दो राज्यों की सीमा पर यदि वाणिज्यिक कर विभाग की जाँच न हो, खनिज विभाग का अस्तित्व ही नजर न आए और परिवहन विभाग पूरी तरह बेपरवाह बना रहे तो अवैध कारोबार को पनपने और पोषित होने से कौन रोक सकता है। मप्र के नीमच जिले की सिंगोली तहसील से लगी राजस्थान की सीमा इसीलिए अवैध कारोबारियों का फ्री ट्रेड झोन (मुक्त व्यापार क्षेत्र) बनी हुई है। यहाँ राजस्थान के लाल पत्थरों (सेंड स्टोन) का काला कारोबार खूब फल-फूल रहा है। इससे शासन को राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है वहीं जिम्मेदार विभागों की अनदेखी स्पष्ट नजर आती है।


सिंगोली से लगे राजस्थान के भीलवाड़ा जिले तथा बूंदी और कोटा तक लाल पत्थरों की सैकड़ों वैध-अवैध खदाने हैं। यहाँ से प्रतिदिन 80 से 90 ट्रैक्टर-ट्रॉली पत्थर सिंगोली लाया जा रहा है। सिंगोली में इन्हें अलग-अलग आकारों में काट और तराश कर मप्र के विभिन्ना शहरों में भेजा जा रहा है।


* क्या है गोरखधंधा

देखने-सुनने में यह कारोबार सीधा-सरल नजर आता है किन्तु पैनी नजर से देखने पर परदे के पीछे का गोरखधंधा समझने में जरा भी देर नहीं लगती। राजस्थान की खदानों से लाल पत्थर 15 गुना4 गुना 3 फिट आकार वाले बड़े ब्लॉक के रूप में ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से मप्र भेजा जा रहा है। चौंकाने वाली बात यह है कि एक-एक ट्रैक्टर-ट्रॉली पर 6 से 10 तक ब्लॉक लादे जा रहे हैं जिनका कुल वजन 16 से 18 टन तक होता है। और तो और इस काम में लगे अनेक ट्रैक्टर-ट्रॉली पर तो नंबर भी नहीं हैं। लेकिन परिवहन विभाग की चौकी नहीं होने से इन पर किसी तरह की रोक-टोक नहीं है। इन ब्लॉक को स्थानीय भाषा में मुकस्सर कहा जाता है। मुकस्सर को चीर कर फर्शी बनाई जाती है।


* जाँच का भय नहीं

ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के मप्र सीमा में प्रवेश के बाद न तो खनिज विभाग की जाँच का भय है और न ही परिवहन विभाग की परवाह। क्योंकि दोनों का ही क्षेत्र में नामोनिशान नहीं है। हालाँकि दोनों विभागों का कहना है कि वे चलित जाँच चौकी से निगाह रखते हैं लेकिन एक पूरा दिन क्षेत्र में बिताने के बाद भी ऐसी कोई चलित चौकी क्षेत्र में नजर नहीं आई। राजस्थान के ग्राम काश्या में राजस्थान शासन एक जाँच चौकी है वहाँ दिन में भी आधी रात की खामोशी नजर आती है। बताया जाता है कि राजस्थान की सीमा पर राजस्थान सरकार के खनिज और वाणिज्यिक कर विभाग की चौकी लगी है। इसके अलावा खदान ठेकेदार की भी रॉयल्टी की वसूली के लिए चौकी स्थापित है। जब वहाँ पर इतनी वैधानिकता का दावा किया जाता है तो फिर पिछले माह सिंगोली तहसीलदार द्वारा पकडे गए ट्रेक्टर में अवैध पत्थर क्यों निकला, उन पर 80 हजार का जुर्माना किया गया था। पत्थर को सिंगोली लाने के लिए रोजाना ऐसे ही इस मार्ग पर लगभग 100 ट्रेक्टर और ट्रक आवाजाही करते हैं।


* तैयार होती हैं फर्शियाँ

सिंगोली में लाल पत्थरों के बड़े ब्लॉकों को लोडर से उतार कर विभिन्ना आकारों की फर्शियों में बदलने का काम बड़े पैमाने पर हो रहा है। इस काम में करीब 1000 लोग लगे हैं। खनिज विभाग का कहना है कि सिंगोली में फर्शियों के भंडारण के लिए 7 लोगों को अनुमति दी गई है। लेकिन वहाँ 60 से अधिक स्थानों पर पत्थरों की फर्शियाँ तैयार करने का काम चल रहा है। विभिन्ना आकारों में तैयार होने वाली ये फर्शियाँ ट्रकों में लाद कर मप्र के अलग-अलग क्षेत्रों में भेज दी जाती हैं। ट्रक वाले हाईवे को छोड़कर छोटे रास्तों से अपने गंतव्य पर रवाना हो जाते हैं। आरोप है कि इनके पास माल परिवहन के पक्के दस्तावेज तक नहीं होते। यदि बिना रोक-टोक के माल गंतव्य तक पहुँच जाए तो कोई बात नहीं। यदि कहीं रास्ते में रोक लिया जाए तत्काल माल भेजने वाला पक्के दस्तावेज तैयार कर रास्ता साफ कर देता है।


* लाल पत्थर का उपयोग

राजस्थान का लाल पत्थर (सेंड स्टोन) कीमती पत्थर की श्रेणी में नहीं आता। इसका उपयोग प्रायः ग्रामीण क्षेत्रों में मकानों छतों और फर्श तैयार करने में उपयोग होता है। इसके अलावा गोदामों के फर्श तैयार करने में भी इसका मप्र में बड़े पैमाने पर उपयोग होता है। मप्र में मुख्य रूप से इसकी खपत झाबुआ, आलीराजपुर, धार जैसे आदिवासी क्षेत्रों में बताई जाती है।


क्या कहते हैं जिम्मेदार

ट्रैक्टर-ट्रॉलियों का उपयोग कृषि कार्यो के अलावा अन्य कार्यों के लिए किया जाता है, तो वह गलत है। सिंगोली-कोटा मार्ग पर विभाग की चौकी है जिसने पिछले माह ही 12 ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के विरुद्ध कार्रवाई की है। पत्थर लाने वाले ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की जानकारी नहीं है। यदि कोई शिकायत मिली तो कार्रवाई की जाएगी।


* एके अवस्थी, जिला परिवहन अधिकारी, नीमच



सिंगोली में 7 लोगों को फर्शी भंडारण की अनुमति विभाग की ओर से दी गई है। वहाँ पत्थर से फर्शियाँ तैयार करने के काम की जानकारी नहीं है। फर्शी ढोने वाले भारवाहकों के पास राजस्थान में रायल्टी चुकाने के दस्तावेज नहीं पाए जाने पर विभाग कार्रवाई करता है।


*राजेन्द्र परमार, जिला खनिज अधिकारी, नीमच



क्षेत्र में वाणिज्यिक कर विभाग की चौकी तो नहीं है। लेकिन चलित चौकी के जरिए क्षेत्र में माल परिवहन पर निगाह रखी जाती है। फर्शी पर 50 पैसे प्रति वर्ग फिट का कर निर्धारित है।


*आर मंडोरिया, सहायक आयुक्त, वाणिज्यिक कर विभाग, नीमच




यह सही है कि ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में अवैध रूप से लाल पत्थर भरकर सिंगोली लाए जाते हैं, जहाँ फर्शी तैयार कर अन्यत्र भेजी जाती हैं। यह मामला खनिज और वाणिज्यिक कर विभाग से जुड़ा है। ओवरलोड होने पर पुलिस भी कार्रवाई करती है।


* पीएस कन्नोजे, थाना प्रभारी सिंगोली।



सिंगोली में सेंड स्टोन के भंडारण के लायसेंस लेकर व्यापारी फर्शी का कारोबार करते हैं। फर्शी यहीं तैयार होती है। तैयार माल बाहर भेजा जाता है तो बिल, बिल्टी बनती है, उसमें सेलटेक्स जुड़ा होता है।


* हरिश शर्मा, पत्थर व्यवसायी, सिंगोली



स्टोरी- संजय तेलंग और विष्णु परिहार

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