सिर्फ पुरस्कार के लिए 'इंस्पायर'

Webdunia
मंगलवार, 20 मार्च 2012 (01:22 IST)
केंद्र सरकार द्वारा स्कूली विद्यार्थियों में विज्ञान के प्रति रुचि जागृत करने के उद्देश्य से इंस्पायर अवॉर्ड योजना शुरू की गई थी। मगर स्कूलों व विद्यार्थियों की अगंभीरता के कारण योजना अपना उद्देश्य पूरा नहीं कर पा रही है। विद्यार्थियों द्वारा आवेदन तो काफी किए जाते हैं, मगर मौलिक मॉडल के अभाव में अधिकांश का चयन नहीं हो पाता। यही वजह है कि करोड़ों रुपया खर्च होने के बाद भी योजना अपना मकसद पूर्ण नहीं कर पा रही है। एक बार फिर मॉडल तैयार करने के लिए बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने आवेदन दिए हैं, मगर देखना यह होगा कि इनमें से कितने बच्चे खुद मॉडल तैयार कर पाते हैं।


इस योजना के तहत अपने मॉडल प्रस्तुत करने वाले प्रत्येक विद्यार्थी को शासन की ओर से 5 हजार रु. दिए जाते हैं। यही कारण है कि बड़ी संख्या में विद्यार्थी आवेदन करने लगे। मगर अधिकांश विद्यार्थी खुद मॉडल तैयार करने की बजाय बाजार से खरीदे मॉडल प्रदर्शित कर देते हैं। गत वर्ष 3 हजार 500 विद्यार्थियों ने आवेदन किए थे। जिले में 830 चयनित बच्चों में से 592 ने अपने मॉडल प्रस्तुत किए थे।


मॉडल बनाए नहीं, राशि ले ली

मगर समस्या यह है कि शेष 236 विद्यार्थियों ने भी पुरस्कार राशि प्राप्त कर अपने बैंक खाते में डाल ली। हालाँकि शिक्षा विभाग ऐसे विद्यार्थियों से राशि पुनः ले रहा है। करीब 132 विद्यार्थियों की राशि वापस शिक्षा विभाग के पास पहुँच गई है। इस वर्ष विद्यालय के माध्यम से विद्यार्थियों की जानकारी पोर्टल पर दर्ज करने की अंतिम तिथि 17 मार्च थी। इसके लिए बड़ी संख्या में विद्यार्थियों के आवेदन आए हैं।


रेडिमेड मॉडल खरीदे

धार में गत वर्ष रेडिमेड मॉडल खरीदे गए थे। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस तरह से केंद्र सरकार की इस योजना को धक्का लग रहा है। यदि इस उद्देश्य पर खरा उतरा जाता तो शायद जिले के विद्यार्थी चयनित होते। पिछले दो वर्षों से चली आ रही इस योजना में एक भी मॉडल प्रदेश स्तर या उससे उच्च स्तर पर चयनित ही नहीं हो पाया है। इसकी वजह यह है कि विद्यार्थी द्वारा मौलिक रूप से कोई काम नहीं किया गया।


विद्यार्थी खुद लें रुचि

जिला शिक्षा अधिकारी अनिल वर्मा ने बताया कि इस योजना के तहत मॉडल का चयन विद्यालय द्वारा ऑनलाइन पोर्टल पर एंट्री करवाने से होता है। ऑनलाइन चयन सीधे केंद्र सरकार के माध्यम से होता है। मॉडल बनाने के मामले में विद्यार्थियों को रुचि लेना चाहिए तभी इस योजना का उद्देश्य पूरा होगा। हम अभी भी कुछ विद्यार्थियों से राशि वापस ले रहे हैं। ऐसे 35 विद्यार्थियों की राशि आ चुकी है। नए नियमों के तहत एक बार चयनित विद्यालय का दूसरी बार चयन नहीं हो सकता। इसका मतलब यह है कि गत वर्ष जिस विद्यालय से विद्यार्थी चयनित हो चुके थे, उस विद्यालय के विद्यार्थियों को अब दोबारा मौका नहीं मिल सकेगा।


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