प्रतिभाओं के धनी डॉक्टर कलाम की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है। सरल और सुलझे व्यवहार के कारण उन्होंने सबको अपना कायल बना लिया। डॉक्टर कलाम ने देश के लिए अमूल्य योगदान दिया है और आज भी वे अपने ज्ञान का प्रकाश फैला रहे हैं।
डॉक्टर कलाम आज के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्त्रोत हैं, उनके आदर्श हैं। अधिकांश युवा उनके जैसा ही बनने का सपना सजोए लक्ष्य की ओर अग्रसर हैं।
अगले पेज पर : डॉक्टर कलाम का संघर्ष
घर की आर्थिक स्थिति के लिए डॉक्टर कलाम ने कम उम्र में ही काम करना शुरू कर दिया। डॉक्टर कलाम के दिन की शुरुआत सुबह 4 बजे से हो जाती थी। सुबह उठकर तैयार होकर वे स्कूल का होमवर्क और रीविजन किया करते थे और गणित की ट्यूशन जाते थे। क्लास के बाद वे अपने भाई के साथ अखबार बांटने का काम करते थे। वे स्कूल में एक औसत विद्यार्थी थे, लेकिन उनमें सीखने और आगे बढ़ने की काफी ललक थी जिस कारण उनके शिक्षक उनकी मदद करने में पीछे नहीं रहते थे।
अपनी स्कूली पढ़ाई के बाद डॉक्टर कलाम ने 1950 में तिरुची के सेंट जोसेफ कॉलेज में दाखिला लिया और वहां से भौतिक शास्त्र से स्नातक की डिग्री प्राप्त की। लेकिन उन्हें इससे आत्म संतुष्टि नहीं हुई। वे अक्सर उड़ते हुए पक्षियों को देखा करते थे और पक्षियों की उड़ान ने ही उनके मन में पायलट बनने का सपना विकसित किया। अपने इसी सपने को पूरा करने के लिए 1954-57 तक उन्होंने एमआईटी (मद्रास इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी) से एरोन्यूटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की।
डॉक्टर कलाम का योगदान : अगले पेज पर
देश के राष्ट्रपति बनने से पहले लोग उन्हें एक इंजीनियर और वैज्ञानिक के रूप में ही जानते थे, लेकिन बतौर राष्ट्रपति उन्होंने अपनी अलग छवि बनाई। राष्ट्रपति के पद पर रहते हुए, जिस तरह डॉक्टर कलाम ने सादा जीवन बिताया, उससे कई लोग उनकी सादा जीवन शैली और सरल व्यक्तित्व के कायल हो गए।
डॉक्टर कलाम का मूलमंत्र : अगले पेज पर
डॉक्टर कलाम ने हमेशा कर्म को महत्व दिया। उन्होंने हमेशा ही कठिन परिश्रम, दृढ़ता और धैर्य को ही सफलता का मूल मंत्र माना। डॉक्टर कलाम को देश के नौजवानों पर अटूट विश्वास रहा है। वे हमेशा युवाओं को लक्ष्य निर्धारित कर आगे बढ़ने और देश के लिए काम करने की सलाह देते हैं। उनके भाषण हमेशा से ही प्रेरणा देने वाले रहे हैं। उनका भाषण सुनकर मन में एक नए जोश और जुनून का संचार हो जाता है।
डॉक्टर कलाम के शौक : अगले पेज पर
प्रतिभा के धनी होने और जीवन में अपार सफलता मिलने के बावजूद डॉक्टर कलाम एक उदार, नेक और महान व्यक्ति के रूप में ज्यादा जाने जाते हैं। उम्र भी उनके उत्साह को कम नहीं कर पाई। 80 बसंत देखने के बाद भी उनका जोश और जुनून किसी युवा से कम नहीं है। यही वजह है कि इस उम्र में भी वे युवाओं के दिलों पर राज करते हैं और उनके आदर्श हैं।