फसलों को कब और कितना पिलाएँ पानी?

Webdunia
- मणिशंकर उपाध्याय
शीतकाल में रबी की फसलें उगाई जाती हैं। इन दिनों खेतों में मुख्य रूप से गेहूँ, चना, अलसी, सरसों, मसूर, मटर व खरीफ में बोई गई मध्य से लंबी अवधि वाली तुवर की फसलें खड़ी हैं।

कितना चाहिए पानी : रबी फसलों में सिंचित गेहूँ को 4 0 से 50 सेमी, असिंचित गेहूँ में 35 से 45 सेमी, चना, जौ, सरसों, मटर, मसूर आदि को 15 से 25 सेमी, अरहर को 20 से 25 सेमी पानी की जरूरत होती है। आलू, शकरकंद, शलजम, मूली, गाजर, चुकंदर को इससे दो से ढाई गुना तथा गन्ना को चार से पाँच गुना, बरसीम (चारा फसल) को छः से आठ गुना तक पानी चाहिए।

हर फसल के जीवनकाल में कुछ समय ऐसा रहता है कि यदि उस समय पानी की कमी हो जाए तो उसे नुकसान अधिक होता है।

कब होती है पानी की जरूरत : गेहूँ में ये अवस्थाएँ शीर्ष जड़ें निकलते समय, पौधों में कल्ले निकलते समय, तने में गठान बनते समय, बालियाँ निकलते समय, दानों में दूध भरते समय और दानों में गूँथे हुए आटे के समान भराव होते समय मानी गई हैं। ये सभी अवस्थाएँ अधिक उपज देने वाली गेहूँ की प्रजातियों में 20 से 22 दिन के अंतर पर आती हैं।

कब करें सिंचाई : किसान भाई चना, मटर (देशी) और मसूर में सिंचाई फूल आने के तत्काल पहले व फली में दाने भरते समय करें। सरसों में पहली सिंचाई पौधों में शाखाएँ बनते समय और दूसरी फूल आते वक्त करें। गन्नो में सिंचाई कल्ले फूटते समय, कल्लों की बढ़वार के समय और तने में शकर बनते समय करते रहें।

Show comments

जरूर पढ़ें

केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी क्यों नहीं आना चाहते दिल्ली

ताजमहल को बम से उड़ाने की धमकी, 2021 में भी आया था फर्जी कॉल

किसानों की आत्महत्याएं महाराष्ट्र में चुनावी मुद्दा क्यों नहीं बना

महाराष्ट्र के मारकडवाड़ी में पुलिस ने रोका मतदान, शक दूर करने के लिए ग्रामीण करवा रहे थे बैलट से डमी वोटिंग

भोपाल में ASI ने पत्नी और साली को उतारा मौत के घाट

सभी देखें

नवीनतम

CIBIL : लोन लेने जाओ तो बैंक सिबिल स्कोर दिखाकर वापस भेज देता, कार्ति चिदंबरम ने मोदी सरकार को घेरा

बांग्लादेश यात्रा को लेकर ब्रिटेन की अपने नागरिकों को सलाह

सरकार ने दी गुड न्यूज, CAPF और असम राइफल्‍स में 1 लाख से ज्‍यादा पद खाली

Share Bazaar में लगातार चौथे दिन तेजी, Sensex 110 अंक चढ़ा, Nifty में भी रही तेजी

Devendra Fadnavis : देवेंद्र फडणवीस ने CM पद को बताया तकनीकी व्यवस्था, पवार की किस बात पर लगे ठहाके