महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय

वेबदुनिया डेस्क

Webdunia
सोमवार, 18 जून 2012 (15:52 IST)
FILE
महात्मा गांधी का एक सपना राष्ट्रभाषा के रूप में हिन्दी को प्रतिष्ठित करना भी था। महात्मा गांधी ने कहा ‍था 'राष्ट्रभाषा के बिना कोई भी राष्ट्र गूंगा हो जाता है'। भारत की संसद द्वारा एक अधिनियम पारित करके महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय की स्थापना राष्ट्रपिता की कर्मभूमि वर्धा में की गई।

इस विश्वविद्यालय की स्थापना से भारतेंदु बाबू हरिश्चन्द्र 'अपने उद्योग एक शुद्ध हिन्दी की यूनिवर्सिटी स्थापित करना' की इच्छा भी पूरी हो गई। इस विश्वविद्यालय की स्थापना से हिन्दी की समृद्धि थी जिससे हिन्दी राष्ट्र की भाषा न होकर अंतरराष्ट्रीय भाषा बने। विश्वविद्यालय के एक उद्देश्यों में दुनिया की अन्य भाषाओं में मौजूद ज्ञान भंडार का अनुवाद हिन्दी में कर उसके अध्ययन को सरल बनाना भी था।

वर्तमान की रोजगारोन्मुख और प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति को देखते हुए हिन्दी भाषा को नवीन दृष्टि और दिशा देने की लिए विश्वविद्यालय में भाषा विद्यापीठों की स्थापना की गई। इन भाषा विद्यापीठ के अंतर्गत संचालित विभागों/ केंद्रों की आवश्यकता के अनुसार विभागीय प्रयोगशालाओं की स्थापना की गई है।

महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय में चार विद्यापीठ हैं-
- भाषा विद्यापीठ
- साहित्य विद्यापीठ
- संस्कृति विद्यापीठ
- अनुवाद एवं निर्वचन विद्यापीठ

महात्मा गांधी के अध्ययन केंद्र है-
- प्रौद्योगिकी अध्ययन केंद्र।
- भारतीय एवं विदेशी भाषा प्रगत अध्ययन केंद्र।
- बाबा साहेब अम्बेडकर दलित एवं जनजाति अध्ययन केंद्र।
- डॉ. अम्बेडकर अध्ययन केंद्र।
- महात्मा गांधी फ्यूजी गुरुजी शांति अध्ययन केंद्र।
- डॉ. भदंत आनंद कौसल्यायन बौद्ध अध्ययन केंद्र।
- डॉ. जाकिर हुसैन अध्ययन केंद्र।
- नेहरू अध्ययन केंद्र।

Show comments

जरूर पढ़ें

15000 रुपए खाते में डालेगी मोदी सरकार, कैबिनेट के बड़े फैसले, जानिए क्या है ELI स्कीम और किसे मिलेगा फायदा

सब्सिडी बंद की तो मस्क को अफ्रीका लौटना पड़ेगा, डोनाल्ड ट्रंप ने धमकी

बुरारी मौतें: 7 साल बाद चूंडावत परिवार के बारे में अब भी लोगों में है जिज्ञासा

कौन हैं महाराष्ट्र भाजपा के नए अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण, क्या होंगी उनके लिए चुनौतियां

नारायण मूर्ति से उलट इंफोसिस, कंपनी कर्मचारियों को भेज रही है 9.15 घंटे से ज्यादा काम करने पर हेल्थ अलर्ट

सभी देखें

नवीनतम

क्या आप भी शुभांशु शुक्ला की तरह एस्ट्रोनॉट बनना चाहते हैं, जानिए अंतरिक्ष में जाने के लिए किस डिग्री और योग्यता की है जरूरत

8 साल बाद रेलवे में आ रही हैं इस पद के लिए बंपर भर्तियां

अब UPSC फेल होकर भी मिलेगी सरकारी और प्राइवेट नौकरी, जानिए प्रतिभा सेतु योजना कैसे बनेगी सफलता का नया मार्ग

आपको 'दिमाग से पैदल' बना रहा है ChatGPT, जानिए AI पर इस लेटेस्ट रिसर्च में क्या हुआ खुलासा

क्यों Gen Z को नौकरी देने से बच रहीं हैं कंपनियां? वजह जानकर चौंक जाएंगे आप