मेलुहा के मृत्युंजय

मस्ट रीड

Webdunia
ND
अमिश त्रिपाठी की भगवान शिव पर आधारित ट्रायोलॉजी सीरिज का यह पहला उपन्यास है 'मेलुहा के मृत्युंजय'। यह कोई नीरस-सी पौराणिक कथा नहीं, बल्कि एक सुंदर कल्पना से देवों के देव महादेव को और वास्तविक रूप में दर्शाने का प्रयत्न है। यह कहानी एक प्राचीन देश मेलुहा की है, जो कई शताब्दी पहले भगवान राम द्वारा स्थापित किया गया था।

' सूर्यवंशियों' की इस भूमि और सरस्वती नदी को 'चंद्रवंशी' एक श्रापित समूह 'नागा' के साथ मिलकर तबाह करना चाहते हैं। यहाँ के राजा दक्ष शिव और उनकी जनजाति 'गुनास' को चंद्रवंशियों के खिलाफ युद्ध में मदद करने के लिए निमंत्रण देते हैं।

मेलुहा के लोग अपने इस बलशाली रक्षक को नीलकंठ का नाम दे देते हैं, क्योंकि सोमरस पी लेने पर शिव का गला नीला हो जाता है। शिव की यह यात्रा न केवल पराक्रम को परिभाषित करती है, बल्कि साथ ही उन्हें अपने जीवन के लक्ष्य और एक नए रहस्य की ओर ले जाती है। युद्ध और उसका अचंभित करने वाला अंत आपको अगली पुस्तक पढ़ने के लिए मजबूर कर देगा। रहस्य और रोमांच से भरपूर शिव के इस मानव रूप की अनोखी कहानी को पढ़ना तो बनता है।
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

मेरा देश, मेरी शान, मेरा अभिमान... 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के लिए 20 बेहतरीन, दमदार और प्रेरणादायक पोस्टर स्लोगन

15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर दिल को छू जाने वाली 15 सकारात्मक और प्रभावशाली देशभक्ति की शायरियां

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध: ऐसे लिखिए आजादी की गाथा जिसे पढ़कर हर दिल में जाग उठे देशभक्ति

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर बच्चों को सिखाइए ये गीत, भजन और कविता, हर कोई करेगा तारीफ माहौल हो जाएगा कृष्णमय

स्वतंत्रता दिवस पर जोरदार भाषण, यह सुन हर कोई तालियों से करेगा आपका स्वागत

सभी देखें

नवीनतम

स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं: लहराएगा तिरंगा अब सारे आसमान पर, 15 अगस्त पर भेजें ये खास मैसेज

स्वतंत्रता दिवस: गौरव, बलिदान, हमारी जिम्मेदारी और स्वर्णिम भविष्य की ओर भारत

श्रीकृष्ण का प्रिय और जन्माष्टमी विशेष माखन-मिश्री का भोग कैसे बनाएं, नोट करें रेसिपी

15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के दिन यह 5 कार्य जरूर करना चाहिए

15 अगस्त पर आज़ादी का महत्व दर्शाती कविता: स्वतंत्रता का सूर्य