शिखर पर रहते हुए ग्रेसफुल गुडबाय

- गायत्री शर्मा

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राहुल द्रविड़, भारतीय क्रिकेट में 16 वर्षों के विश्वास का नाम। धैर्य, मेहनत, लगन व सुदृढ़ खेल तकनीक से बेहतरीन क्रिकेट का प्रदर्शन कर उन्होंने क्रिकेट जगत में अपना एक ऊँचा मुकाम हासिल किया है। अब तक के अपने बेदाग करियर से राहुल ने यह साबित कर दिया कि सफलता कभी सुर्खियों की मोहताज नहीं होती है।
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खेल का मजा तभी है, जब हमें हर बार खेल में कुछ बेहतरीन देखने का मौका मिले, लेकिन एक समय के बाद यह जरूरी हो जाता है कि सीनियर खिलाड़ी अपनी जिम्मेदारी समझकर युवा खिलाड़ियों को आगे आने का मौका दें। द्रविड़ जब तक खेले, बढ़िया खेले। यह सही मौका था, जब द्रविड़ ने शिखर पर रहते और लगातार अच्छा खेलते हुए अपनी बिदाई की घोषणा कर दी।

जैमी, मिस्टर रिलायबल और द वॉल के उपनामों से मशहूर राहुल द्रविड़ को क्रिकेट जगत में सबसे सौम्य कहा जाता है। कई बार विषम परिस्थितियों में इस संकटमोचक खिलाड़ी ने अपने बल्ले के दम पर टीम इंडिया को जीत दिलाई व कई विश्व कीर्तिमान अपने नाम किए। वनडे और टी-20 के बाद अब टेस्ट क्रिकेट से राहुल के संन्यास की घोषणा ने जैसे हम सभी की आँखों में इस खिलाड़ी के खेल के स्वर्णिम अतीत की यादें ताजा कर दीं।

राहुल अपने बेहतरीन खेल से प्रशंसकों के चहेते बन गए थे। वर्ष 2000 में विज्डन क्रिकेट ऑफ दि ईयर, वर्ष 2004 में आईसीसी प्लेयर ऑफ दि ईयर तथा टेस्ट प्लेयर ऑफ दि ईयर का खिताब जीतने वाले राहुल द्रविड़ के नाम लगातार 93 टेस्ट खेलने का रिकॉर्ड भी है। टेस्ट क्रिकेट में 18 अलग-अलग पार्टनर के साथ 80 शतकीय साझेदारी का उनके नाम विश्व रिकॉर्ड भी है।

9 मार्च को द्रविड़ के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा से उनके प्रशंसकों को कुछ मायूसी तो हुई, पर खुशी इस बात की रही कि उनका पसंदीदा क्रिकेटर आलोचनाओं का ज्यादा शिकार हुए बिना अपने पीछे क्रिकेट के स्वर्णिम इतिहास की मीठी यादें छोड़े जा रहा है। प्रशंसकों के दिलों में सालों तक उनकी याद बनकर महकती रहेगी। आइए जानते हैं कि राहुल के प्रशंसकों का इस बारे में क्या कहना है -

राहुल द्रविड़ के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास के फैसले को सही ठहराते हुए ललित भट्ट का कहना है कि टीम इंडिया को अब कुछ समय तक टेस्ट मैच नहीं खेलना है। ऐसे में 6 माह तक बगैर किसी मैच के केवल अपनी फिटनेस पर ध्यान देना किसी भी खिलाड़ी के लिए एक बड़ी चुनौती के समान है। ऐसे में सही समय पर सही फैसला लेकर द्रविड़ ने अपनी समझदारी का परिचय दिया।

द्रविड़ के प्रशंसक मनीष शर्मा की मानें तो राहुल द्रविड़ यदि चाहते तो अभी भी दो-तीन सालों तक अच्छा क्रिकेट खेलने का दमखम रखते हैं। उनके अब तक के खेल प्रदर्शन को देखकर यह कहना गलत होगा कि अब द्रविड़ का क्रिकेट को अलविदा कहने का वक्त आ गया है। मुझे लगता है कि राहुल द्रविड़ ने क्रिकेट से संन्यास लेने में हड़बड़ी दिखाई है।
कोलकाता में लक्ष्मण के साथ उनकी शानदार साझेदारी भुलाए नहीं भूली जाएगी।

ऐसा कहने वाले मोहम्मद खालिद के अनुसार कोलकाता में लक्ष्मण के साथ द्रविड़ की 180 रन की साझेदारी लाजवाब थी। धैर्य और टेक्निक के साथ अपनी भरोसमंद बल्लेबाजी से बेहतरीन क्रिकेट का प्रदर्शन करने वाले इस प्रतिभावान खिलाड़ी के संन्यास लेने की घोषणा से मुझे खुशी नहीं हुई। मैं मानता हूँ कि राहुल द्रविड़ अभी कुछ साल और बेहतरीन क्रिकेट खेल सकते थे।

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