तकनीक से हिन्दी हुई आसान : अशोक चक्रधर

Webdunia
शुक्रवार, 11 सितम्बर 2015 (18:13 IST)
पहले हमें हिन्दी से जुड़ने के लिए फॉन्ट ने काफी परेशान किया, लेकिन जब यूनिकोड आ गया तो तकनीकी ज्ञान को हासिल करने का दबाव भी खत्म हो गया। अब हिन्दी टाइप आसान हो गया है। आईफोन, एंड्राइड, टैबलेट में हिन्दी सरल हो गया है, जो पांच साल पहले तक नहीं था। 

 
हिन्दी भविष्य में भी उज्ज्वल है, लेकिन अंग्रेजी के कुछ शब्द आ भी जाएं तो हमें गुरेज नहीं करना चाहिए। हिन्दी की दशा और दिशा दस गुना अच्छी हो रही है, लेकिन अभी दस गुना और बेहतरी में लगना बाकी है। यह कहना है कि ख्‍यातनाम कवि और व्यंग्यकार अशोक चक्रधर का। 
 
10वें विश्व हिन्दी सम्मेलन में चल रहे 'संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी' में हिन्दी विषय पर चल रहे व्याख्यान में उन्होंने बताया कि देश में बोली जाने वाली हिन्दी सभी लोक और क्षेत्रीय भाषाओं के साथ मिलकर उत्पन्न हो रही है। धीरे-धीरे हिन्दी तकनीक, विज्ञान, संचार और देश की भाषा बनती जा रही है।
 
हिन्दी सबकी है और सबकी नहीं भी है, क्योंकि हिन्दी को अभी तक राष्ट्र भाषा का दर्जा नहीं मिला है जबकि पक्षी और ध्वज को राष्ट्र का दर्जा मिल चुका है। यदि सारी भाषाओं का निचोड़ निकाल लिया जाए तो केवल भारत में ही नहीं बल्कि विश्व में बोली जाने वाली भाषा हिन्दी है। (वेबदुनिया)

Show comments

अभिजीत गंगोपाध्याय के राजनीति में उतरने पर क्यों छिड़ी बहस

दुनिया में हर आठवां इंसान मोटापे की चपेट में

कुशल कामगारों के लिए जर्मनी आना हुआ और आसान

पुतिन ने पश्चिमी देशों को दी परमाणु युद्ध की चेतावनी

जब सर्वशक्तिमान स्टालिन तिल-तिल कर मरा

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत