वेबदुनिया में गुजरे वो सुनहरे पल....

Webdunia
सोमवार, 22 सितम्बर 2014 (16:09 IST)
-सुनील चौरसिया 
वेबदुनिया इंटरनेट की दुनिया में अपनी सफलता के गौरवशाली 15 वर्ष पूर्ण कर चुका है। यह विश्व का प्रथम हिन्दी पोर्टल है, जिसने हिन्दी को पूरे विश्व में एक सम्मानजनक स्थिति में लाने हेतु अतुलनीय कार्य किया है। जिस समय वेबदुनिया की शुरुआत हुई, उस समय हिन्दी की पोर्टल की कल्पना ही बहुत बड़ी बात थी। विनय जी के मन में हिन्दी में वेबसाइट बनाने का विचार अंकुरित हुआ। उन्होंने भी अपने इस विचार को साकार कर दिखाया। उन्होंने वेबदुनिया के रूप में हिन्दी की उच्चकोटि की वेबसाइट  बनाकर हिन्दी भाषियों को एक नायाब तोहफा प्रदान किया।
 
मुझे यह कहते हुए आपार हर्ष हो रहा है कि मुझे भी इस हिन्दी पोर्टल में योगदान देने का सुअवसर मिला। आज भी वो दिन मुझे याद है जब किशोर भुराड़िया जी ने मुझसे यह कहा कि सुनील तुम्हें मैंने एक ऐसी संस्था से जोड़ दिया है, जहां काम कर के तुम खुशहाल हो जाओगे। तुम्हें पीछे पलटकर देखने की आवश्यकता नहीं होगी। उनकी ये बाते सुनकर मैं बडा भावुक हो गया और खुशी से मेरी आंखे नम हो गई थीं।
 
नईदुनिया के छोटे से गोदाम से वेबदुनिया की शुरुआत हुई, बाद में कार्यालय उत्तम अपार्टमेंट में शिफ्ट हो गया। यहां का माहौल इतना अच्छा था कि लोगों को कठिन परिश्रम करने के वाबजूद भी थकान का अनुभव नहीं होता था। सभी के दिलों में कुछ नया करने की ललक जो थी। वेबदुनिया टीम के सभी सदस्यों में भाईचारा का एक शानदार माहौल था, सभी एक दूसरे का भरपूर सहयोग करते थे। मुझे भी यहां बहुत कुछ सीखने को मिला, जिस कारण मेरा आत्मविश्वास भी बढ़ा। वेबदुनिया में रहते हुए मैंने जो भी प्राप्त किया है, वरिष्ठ लोगों का काफी योगदान रहा। 
 
वाकई मेरे लिए वेबदुनिया में गुजारे वो पल वेहद स्मरणीय है और आज भी मैं उस समय को अपने जीवन के सुनहरे दिन के रूप में देखता हूं। परिवर्तन संसार का नियम है, यहां भी बदलाव होते रहे है। संपादकीय विभाग में प्रकाश हिन्दुस्तानी के बाद रवीन्द्र शाह, फिर मनीष शर्मा और वर्तमान में जयदीप कार्णिक के नेतृत्व में वेबदुनिया का संचालन हो रहा है। 
 
वेबदुनिया वेब पत्रकारिता में उत्कृष्ट कार्य करते हुए लोगों के दिलोदिमाग में अपनी अमिट छाप बनाए हुए है। यह बहुत ही भरोसेमंद हिन्दी पोर्टल है, जिस पर सही न्यूज तथा अन्य ज्ञानवर्धक जानकारियों का अनूठा समावेश देखने को मिलता है। इसी तरह इसे विश्व पटल पर हिन्दी भाषा को बढ़ावा देने का गौरव प्राप्त है। इसकी वजह से ही आज इंटरनेट पर हिन्दी पोर्टलों की भरमार हो गई है, जिससे हिन्दी भाषियों को इंटरनेट पर अपनी मातृ भाषा में समाचार और अन्य ज्ञानवर्धक जानकारी पढ़ने को मिली। 
 
अंत में, मैं यही कामना करता हूं कि वेबदुनिया लगातार अपना उत्कृष्ट कार्य करते हुए एक ऐसा वटवृक्ष बने जिसकी छाया में यहां के कर्मचारी अपने जीवन के सुखद दिन की अनुभूति करते हुए हिन्दी भाषियों के जीवन के हर क्षेत्र में मददगार बनें। वेबदुनिया खूब फले-फूले और विश्व में हिन्दी का परचम लहराते हुए अपना उत्कृष्ट कार्य अविराम करता रहे।
Show comments

अभिजीत गंगोपाध्याय के राजनीति में उतरने पर क्यों छिड़ी बहस

दुनिया में हर आठवां इंसान मोटापे की चपेट में

कुशल कामगारों के लिए जर्मनी आना हुआ और आसान

पुतिन ने पश्चिमी देशों को दी परमाणु युद्ध की चेतावनी

जब सर्वशक्तिमान स्टालिन तिल-तिल कर मरा

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत