वेबदुनिया हिन्दी का सबसे महत्वपूर्ण पोर्टल

Webdunia
सोमवार, 22 सितम्बर 2014 (16:20 IST)
-तेजेन्द्र शर्मा
मैं वेबदुनिया के शुरुआती प्रेमियों में से हूं। प्रकाश हिन्दुस्तानी से मुंबई से मित्रता थी, उनका ई-मेल आया कि पहले हिन्दी पोर्टल की शुरुआत हो रही है इससे जुड़िए। हालांकि यह ज़माना ट्रू-टाइप फ़ॉण्ट्स का था। चारों तरफ़ अलग अलग फ़ॉण्ट अराजकता फैलाने में व्यस्त थे। वेबदुनिया का फ़ॉण्ट भी हमें डाउनलोड करना पड़ा, तभी उसे पढ़ सकते थे। ब्रिटेन में क्योंकि इंटरनेट की स्पीड हमेशा से ही भारत से अधिक थी इसलिए वेबसाइट को डाउनलोड करना बहुत मुश्किल नहीं होता था। 
 
पहला हिन्दी पोर्टल जहां भारत की ख़बरों के साथ साथ हम प्रवासियों के लिए भी अपनी गतिविधियों को प्रकाशित करवा पाने का पूरा इन्तज़ाम था। कथा यूके की गतिविधियों एवं उपलब्धियों को वेबदुनिया ने हमेशा प्रमुखता से प्रकाशित किया। इस पोर्टल ने विदेश में बसे हिन्दी प्रेमियों को हमेशा यह अहसास दिलवाया कि यह आपका अपना पोर्टल है। यहां कोई बड़ा या छोटा नहीं है। सबको समान रूप से उचित स्थान दिया जाएगा। 
 
आहिस्ता आहिस्ता पोर्टल ने यूनिकोड को अपना लिया। विंडोज़ में भी यूनिकोड उपलब्ध हो गया। वक़्त के साथ साथ तकनीकी रूप से पोर्टल में बहुत बदलाव आए। यह कहने में कोई गुरेज़ नहीं करूंगा कि वेबदुनिया आज तक का हिन्दी का सबसे संपूर्ण पोर्टल है। यहां समाचार भी हैं, त्योहार भी हैं, और हिन्दी से जुड़ी तमाम सुविधाएं भी हैं। 15 वर्षों में संपादक बदलते रहे, वेबदुनिया का स्वरूप बदलता रहा अगर नहीं बदला तो बस इस पोर्टल का अपनापन, प्यार और गुणवत्ता। (लेखक कथा यूके (लंदन) के महासचिव हैं)

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