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आजादी का अमृत महोत्सव: प्राकृतिक कृषि को जनआंदोलन बनाने का संकल्प : भारत सिंह कुशवाह

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विकास सिंह

, सोमवार, 15 अगस्त 2022 (12:24 IST)
देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों की आय दोगुनी कर आत्मनिर्भर भारत और आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाने का संकल्प लिया है। आजादी के अमृत महोत्सव पर ‘वेबदुनिया’ ने अपनी खास श्रृखंला ‘कल,आज,कल’ में मध्यप्रदेश के उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री भारत सिंह कुशवाह से बातचीत कर जानने का प्रयास किया है कि किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उद्यानिकी विभाग किस रोडमैप पर काम कर रहा है। 
 
किसानों की आय दोगुनी करने का संकल्प-आज पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आव्हान पर हर घर तिरंगा अभियान में पूरा देश और मध्यप्रदेश तिरंगामय हो गया है। आजादी के अमृत महोत्सव पर मध्यप्रदेश कृषि के क्षेत्र में लगातार नए आयाम को छू रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली मध्यप्रदेश भाजपा सरकार ने किसानों की आय को बढ़ाने और दोगुनी करने के लिए एक के बाद एक अनेक कदम उठाए गए हैं। 

प्राकृतिक खेती को जनआंदोलन बनाने का लक्ष्य-प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो देशव्यापी अभियान प्रारंभ किया है उसको प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में सरकार मिशन मोड में साकार कर रही है। प्राकृतिक खेती के माध्यम से हमारा प्रकृति के साथ तालमेल बढ़ेगा,जिसके कृषि क्षेत्र में गांवों में ही रोजगार बढ़ने सहित देश को व्यापक फायदे होंगे।

आजादी के अमृत महोत्सव पर मैं मध्यप्रदेश के सभी किसान भाईयों से अनुरोध करना चाहता हूं कि वो प्राकृतिक खेती को जनआंदोलन बनाने के लिए आगे आएं। आजादी के अमृत महोत्सव में हर पंचायत का कम से कम एक गांव ज़रूर प्राकृतिक खेती से जुड़े, ये हम सब मिलकर प्रयास कर सकते हैं। इसके साथ आजादी के अमृत महोत्सव पर सभी किसान भाई संकल्प लें कि वह प्राकृतिक कृषि को अपनाकर मां भारती की धरा को रासायनिक खाद और कीटनाशकों से मुक्त करेंगे और स्वयं को और अपने परिवार को स्वस्थ रखेंगे। 

प्राकृतिक कृषि हमारी देशी प्राचीन पद्धति ही है,जिसमें खेती की लागत कम आती है और प्राकृतिक संतुलन स्थापित होने से किसानों को फायदा पहुंचता है। प्राकृतिक खेती से उगाई गई फसलों का बाजार में अन्य उत्पादों की तुलना में अधिक कीमत मिलती है। प्राकृतिक खेती से किसान भाई ज्यादा मुनाफा कमाकर अपनी आय दोगुनी करने के साथ आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के साथ आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के माननीय प्रधानमंत्री जी के संकल्प को भी साकार कर रहे है। 

किसान परिवार रोजगार मांगने वाला नहीं रोजगार देने वाला हो- आजादी के अमृत महोत्सव पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मध्यप्रदेश उद्यानिकी कृषि के क्षेत्र में नए आयाम छू रहा है। किसान भाई पारंपरिक कृषि उत्पादों के साथ-साथ उद्यानिकी की फसलों की खेती कर अपनी आय को दोगुना कर रहे है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी की भी मंशा है कि किसान आमदनी दुगनी करें इसके लिए उनको दोहरी भूमिका में आना होगा और उत्पादन के साथ-साथ अपनी फसल का प्रसंस्करण भी खुद करना होगा।
 
मैं आपके माध्यम से बताना चाहता हूं कि आने वाला समय खाद्य प्रसंकरण का होगा। सर्वाधिक रोजगार खाद्य प्रसंस्करण से ही प्राप्त होंगे। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री जी की सोच है कि हमारा किसान परिवार रोजगार मांगने वाला नहीं रोजगार देने वाला हो। इसके लिए किसान भाइयों को दोहरी भूमिका में आना होगा। किसान के पास उत्पादन के साथ-साथ प्रसंस्करण का भी कार्य होना चाहिए। पूरे देश में मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा खाद्य प्रसंस्करण इकाई के लिए आवेदन प्राप्त हुए हैं और पूरे देश में सर्वाधिक 121 खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों को मंजूरी मिली है। मध्यप्रदेश सरकार खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों की सब्सिडी के रूप में 500 करोड़ रुपये की राशि खर्च करने जा रही है। हमारा प्रयास है कि सर्वाधिक युवा, कृषक उद्यमी प्रसंस्करण से जुड़े और किसान भाई खुद अपने उत्पादन की प्रोसेसिंग करे। 

किसान भाईयों की उद्यानिकी की फसल को सुरक्षित रखने के लिए सरकार ने तहसील स्तर पर 1 हजार मीट्रिक टन के कोल्ड स्टोरेज स्वीकृत करने का निर्णय लिया है एवं छोटे-छोटे हाट बाजारों के पास 500 मीट्रिक टन के कोल्ड स्टोरेज का प्रावधान है जिसका लाभ किसान भाई ले सकते हैं। सरकार के द्वारा दी जाने वाली 50% सब्सिडी का फायदा किसान भाई उठा सकते हैं। अगर किसी किसान भाई के पास अच्छा उत्पादन है बड़े रकबे में खेती कर रहा है और सक्षम है तो अपने खेत मे ही 10 टन का कोल्डरूम स्थापित कर सकते हैं और मार्केट की आवश्यकता अनुसार अपनी फसल बाजार में बेचकर मन मुताबिक मुनाफा कमा सकते हैं।

मध्यप्रदेश पहला ऐसा राज्य है जहां पर हर जिले को पहचान दिलाने के लिए एक जिला एक उत्पाद के तहत फसलों का चयन किया गया है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा की बाहर के व्यापारी को यदि किसी फसल की खरीदी करनी होगी तो उसको पहले से ही जिले और फसल की जानकारी होगी और विभाग इसके प्रचार प्रसार पर भी जोर दे रहा है। हर एक जिला-एक उत्पाद के तहत विभिन्न जिलों में उद्यानिकी की फसलों का चयन किया गया है।  
 

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